हिसार

कृषि मंत्री के आदेश पर आदमपुर में हुई औपाचारिकता, 2 ऑयल मिल में स्टॉक जांच करने पहुंची टीम, टीम के आने से पहले ही व्यापारियों मिल गई सूचना

आदमपुर,
कृषि मंत्री जेपी दलाल आदमपुर मंडी में सरसों की आवक कम रहने के कारणों को खोजने की जिम्मेवारी अधिकारियों को दी है। इसके चलते अधिकारियों ने रविवार को ही 2 ऑयल मिल पर छापेमारी की। चर्चाएं है कि ऑयल मिल वालों को इस छापेमारी की सूचना पहले ही मिल चुक थी। ऐसे में उन्होंने अपने सभी दस्तेवेज करीब-करीब ठीक-ठाक कर लिए थे। ऐसे में कृषि मंत्री के आदेश पर हुई कार्रवाई महज एक औपचारिकता वाली बात ही रही। बता दें, कृषि मंत्री जेपी दलाल ने 24 अप्रैल तक आदमपुर की मंडी में हुई सरसों की खरीद, आवक व मिलों में रखा स्टॉक की जांच करके रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए थे। 25 अप्रैल को यह रिपोर्ट मंत्री साहब के पास जानी है। इसके चलते मंडी बोर्ड के अधिकारी व कर्मचारी अब ऑयल मिलों में फिजिकल वैरिफ्किेशन करने में लगे हैं। सूत्रों के अनुसार यह फिजिकल वैरिफ्किेशन महज एक औपचारिकता है।

मिल मालिकों की इच्छा के खिलाफ
आदमपुर के सरसों का तेल निकालने वाले मिल मालिक दो नम्बर में सरसों नहीं खरीदने चाहते। लेकिन मंडी बोर्ड के कुछ कर्मचारी परेशान करके उन्हें ऐसा करने को मजबूर करते हैं। मिल मालिकों का कहना है कि वे करोड़ों रुपए का काम करते हैं। ऐसे में वे मंडी फीस व अन्य टैक्स चुराकर चोर कहलाना पसंद नहीं करते। लेकिन मंडी बोर्ड के कुछ कर्मचारी अपनी आमदनी के चक्कर में एक नम्बर में सरसों खरीदने पर उन्हें परेशान करने लगते हैं। ऐसे में उन्हें मजबूरी में उनका सहयोग करना पड़ता हैं।

कर्मचारियों व उनके परिवार की जांच हो
व्यापारियों का कहना है कि सरकार हर बार मिल मालिकों को तंग करने का काम करती है। जबकि सरकार को चाहिए कि वह हर साल मंडी बोर्ड के अधिकारियों व कर्मचारियों के परिवार की संपति की जांच करवाएं। सरकार यदि पूरी तरह से भ्रष्टाचार पर नकेल कसना चाहती है तो उसे हर साल सरकारी कर्मचारियों की संपति की जांच करने की व्यवस्था बनानी होगी। हद तो इस बात की है कि मंडी बोर्ड में कार्यरत छोटे कर्मचारी भी इनाम के नाम पर रिश्वत मांगने से परहेज नहीं करते।

किसानों के साथ गबन
सरसों के सीजन में किसानों के साथ भी कर्मचारियों ने गबन किया। नमी जांचने के नाम पर किसनों से 700 से 800 ग्राम तक सरसों ली गई। नियमों के अनुसार यह सरसों किसानों को वापिस करनी होती हैै। लेकिन इन कर्मचारियों ने किसानों को यह सरसों वापिस नहीं दी। सीजन में रोजाना इन कर्मचारियों से 4 क्विंटल तक सरसों एकत्रित करके बाजार में बेची थी।

सीएम फ्लाइंग को करनी होगी छापेमारी
आमजन का कहना है कि यदि सरकार सरसों खरीद में हुई हेराफेरी को सच में पकड़ना चाहती है तो सीएम फ्लाइंग से छापेमारी करवानी होगी। आदमपुर के किरयाणा स्टोर पर रोजाना हजारों लीटर सरसों का तेल बेचा जा रहा है। मिलों से लोकल दुकानदारों के पास आने वाले इस तेल का कोई बिल नहीं दिया जाता। यह तेल पूरी तरह से जुबानी खर्च पर बेचा जा रहा है। दो नम्बर में खरीदी गई सरसों का अधिकतर तेल लोकल मंडी में ही पैकिंग करके बेच दिया जाता है। ऐसे में यदि सीएम फ्लाइंग दस्तक देती है तो सरसों खरीद का पूरा कच्चा चिठ्ठा सरकार के सामने आ जायेगा।

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