हिसार,
कांग्रेस नेता पूर्व राज्यमंत्री को नौकरी के बदले पैसे लेने के मामले में एसीबी ने रंगेहाथ पकड़ा है। जानकारी के मुताबिक, राजस्थान भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने कांग्रेस नेता पूर्व राज्यमंत्री गोपाल केसावत सहित तीन दलालों को राज्य प्रशासनिक सेवा (आरएएस) में नौकरी लगवाने की एवज में 18.50 लाख की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया। एसीबी की जांच में सामने आया कि 40 लाख रुपये मांगे गए थे, बाद में 25 लाख तय हुआ। शुक्रवार को सीकर में केसावत के दलाल अनिल कुमार और ब्रह्मप्रकाश को साढ़े 18 लाख की रकम लेते पकड़ा गया।
दोनों आरोपितों से पूछताछ में सामने आया कि उन्होंने यह रकम केसावत के लिए ली थी। कुछ हिस्सा आरोपितों को भी मिलना था। हिसार के बालसमंद गांव के रहने वाले विकास ने सीकर की एंटी करप्शन ब्यूरो को शिकायत दी थी।
विकास ने बताया था कि उसने राजस्थान में नगर पालिका में ईओ के पद के लिए आवेदन किया था। 16 मई को परीक्षा हुई थी। विकास को एक दलाल अनिल कुमार शर्मा मिला। अनिल ने कहा कि कि 40 लाख रुपये में उसका ईओ के पद पर सेलेक्शन करवा देगा।
दलाल अनिल कुमार ने यकीन दिलवाने के लिए राजस्थान लोक सेवा आयोग के कार्यालय में ले जाकर उसकी आंसर शीट भी चेक करवाई जिसमें विकास के हल किए गए 62 प्रश्न सहीं पाए गए थे और 20 गलत थे। खाली कालम भर भी देंगे तो भी पास नहीं हो पाएगा। पूरी ओएमआर शीट ही बदलनी पड़ेगी, तब रिजल्ट जारी करवा देंगे। अनिल ने 25 लाख पहले और काम होने पर 15 लाख मांगे थे।
परिवादी विकास ने एडवोकेट हरदीप सुंदरिया से संपर्क किया। हरदीप सुंदरिया ने सीकर की एंटी करप्शन ब्यूरो को शिकायत दी। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश जांगिड़ ने मामले में उच्चाधिकारियों से बात की और टीम गठित की। अनिल ने विकास को सीकर में पैसे देने के लिए बोला। एसीबी की टीम के कहने पर विकास सीकर में एचडीएफसी बैंक की ऊपरी मंजिल पर 18 लाख 50 हजार रुपये लेकर अनिल कुमार के पास पहुंचा।
एसीबी की टीम ने रंगे हाथ पकड़ लिया। पूछताछ के बाद अनिल ने एक अन्य रविंद्र नाम बताया और उसे भी पकड़ा गया। रविंद्र ने बताया कि रुपये पूर्व मंत्री गोपाल केसावत और राजस्थान लोक सेवा आयोग की दो महिला सदस्यों को देगा।
शनिवार दोपहर बाद एसीबी की टीम पूर्व मंत्री के घर पहुंची। अनिल और रविंद्र ने वहां जाकर पैसे पूर्व मंत्री को दिए तो एसीबी टीम ने उसे भी रंगे हाथों पकड़ लिया। वहां एक अन्य दलाल ब्रह्मप्रकाश को भी पकड़ा। अब मामले से जुड़े अन्य लोगों की तलाश की जा रही।
अशोक गहलोत की पिछली सरकार में केसावत राज्य विमुक्त, घुमंतू व अर्द्धघुमंतू कल्याण बोर्ड का अध्यक्ष था। उसे राज्य मंत्री का दर्जा दिया हुआ था। अनिल, रविंद्र और ब्रह्मप्रकाश नौकरी चाहने वालों को जाल में फंसाकर केसावत से मिलवाते थे।
केसावत जरूरतमंदों को नौकरी लगाने का पक्का वादा करता था। पूछताछ में केसावत ने रिश्वत के खेल में शामिल होने की बात स्वीकार कर ली। एसीबी ने शनिवार शाम को चारों को गिरफ्तार किए जाने की जानकारी अधिकारिक तौर पर सार्वजनिक की है। अधिशासी अधिकारी की परीक्षा में भी पास करवाने का परिवादी को झांसा दिया गया था।
एडिशनल एसपी सीकर से एंटी करप्शन ब्यूरो इंचार्ज एडिशनल एसपी राजेश जांगिड़ ने बताया कि हरदीप सुंदरिया उनके पास आए थे। बताया था कि उनके परिचित विकास ने 15 मई 2023 को ईओ की परीक्षा दी थी। विकास को नौकरी लगवाने के नाम पर 40 लाख मांगे गए हैं। इस मामले में जांच की तो 18.50 लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों चार लोगों को पकड़ा है। इनमें पूर्व राज्यमंत्री गोपाल केसावत व तीन दलाल पकड़े गए।