बुड़ाक गांव में उद्यमशील महिलाएं-सशक्त समाज विषय पर कार्यशाला आयोजित
हिसार,
हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के इंदिरा चक्रवर्ती गृह विज्ञान महाविद्यालय द्वारा संचालित राष्ट्रीय कृषि विज्ञान कोष, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली की परियोजना के तहत गांव बुड़़ाक में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का मुख्य विषय उद्यमशील महिलाएं सशक्त समाज रखा गया था जिसमें विश्वविद्यालय के प्रोजेक्ट डायरेक्टर डॉ. सतीश खोखर मुख्य अतिथि थे। कार्यक्रम मेें डॉ. आशा अहलावत कपूर मुख्य वक्ता थी।
मुख्य अतिथि ने ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा कि आज के समय में महिलाएं पुरुषों से किसी भी क्षेत्र में कम नहीं है। एक सशक्त समाज के लिए लैंगिक समानता और उसके लिए समाज में संवेदनशीलता बहुत ही जरूरी है। महिलाओं को खुद का सम्मान करने के साथ-साथ स्वयं में विश्वास रखना चाहिए। मुख्य वक्ता डॉ. आशा अहलावत कपूर ने कहा कि हमें अपनी बेटियों को भी बेटों के समान आगे बढऩे के अवसर प्रदान करने चाहिए। चाहे खेल हो, शिक्षा हो या कोई भी क्षेत्र हो लड़कियां किसी भी रूप में लडक़ों से कम नहीं हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा की मिट्टी से ही कल्पना चावला, गीता फोगाट जैसी लड़कियों ने जन्म लिया है और स्वयं को पुरूषों के मुकाबले शारीरिक व मानसिक तौर पर साबित किया है।
डॉ. मंजू दहिया ने महिलाओं को उद्यमशील बनने के लिए प्रेरित किया और कहा कि हुनर तो सबके पास होता है लेकिन किसी का छिप जाता है और किसी का छप जाता है। जो महिलाएं आत्मविश्वासी होती हैं और जिनमें आगे बढऩे की इच्छा होती है वे अपने हुनर को अपनी जीविका बना लेती है। उन्होंने इस कार्यशाला में सरकार द्वारा संचालित वित्तीय योजनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी, ताकि ग्रामीण युवा और महिलाएं स्वरोजगार की तरफ अग्रसर हो सके। डॉ. रश्मि त्यागी ने ग्रामीणों से रूढि़वादी विचारों को त्यागकर लडक़ा और लडक़ी मेें भेदभाव को कम करने के लिए प्रेरित। अनुसंधान निदेशक डॉ. एस.के. सहरावत एवं महाविद्यालय की अधिष्ठाता डॉ. बिमला ढांडा ने महाविद्यालय द्वारा आयोजित इस कार्यशाला के लिए सराहना की है।
महाविद्यालय में विकसित विभिन्न तकनीकों की लगाई प्रदर्शनी
कार्यक्रम का संचालन खाद्य एवं पोषण विभाग की अध्यक्षा डॉ. संगीता चहल सिंधु ने किया। इस प्रोजेक्ट की इंचार्ज एवं मानव विकास एवं परिवार अध्ययन विभाग की प्रोफेसर कृष्णा दूहन ने प्रतिभागियों व अतिथियों का स्वागत किया। वस्त्र एवं परिधान विभाग की डॉ. नीलम एम रोज ने इस परियोजना के उद्देश्य से अवगत करवाया। कार्यशाला के दौरान महाविद्यालय के विभिन्न विभागों द्वारा विकसित तकनीकों की प्रदर्शनी भी लगाई गई। इस दौरान पारिवारिक संसाधन विभाग की ओर से आधुनिक चूल्हा, हारा, दराती, साग कटर मशीन, हैंड गल्बस, कैपरॉन, कोडबैग, वस्त्र एवं परिधान विभाग की ओर से हैंड पेंटिंग, फैब्रिक पेंटिंग, ब्लॉक पेंटिंग, स्टैनशील, मशीन एम्ब्रायडरी, विभिन्न प्रकार के वस्त्र, कोड बैग, विभिन्न प्रकार के मास्क, रोटी कवर, बैग के अलावा लिंग संवेदनशीलता को बढ़ाने के लिए विभिन्न प्रकार के पंपलेट, लीफलेट आदि का वितरण किया गया। इस कार्यक्रम के सफल आयोजन में महाविद्यालय के पारिवारिक संसाधन विभाग की प्रोफेसर किरण सिंह, मानव विकास एवं परिवार अध्ययन विभाग की सहायक वैज्ञानिक डॉ. पूनम मलिक के अलावा डॉ. पूनम कुमारी, डॉ. निगम रानी, डॉ. कोमल और डॉ. नीता कुमारी का विशेष सहयोग रहा। इस अवसर पर राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय की प्रिंसिपल गायत्री देवी व सरपंच मेवा सिंह ने भी अपने विचार प्रस्तुत किए।