हिसार,
डोभी गांव में मां- बेटे की कुल्हाड़ी से काट कर हत्या करने वाले पति को कोर्ट ने शुक्रवार को उम्रकैद की सजा सुनाई है। चरित्र पर शक के चलते पत्नी व 3 साल के बेटे की हत्या की गई थी। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अमित सहरावत की कोर्ट ने दोषी साहबराम को 20 हजार का जुर्माना भी लगाया है। साहबराम पुलिस में सिपाही पद पर कार्यरत था।
हिसार सदर थाना पुलिस ने जुलाई 2019 में हत्या का केस दर्ज किया था। सरकारी वकील बलजीत सिंह के अनुसार पनिहार चक निवासी अजय ने बताया था कि उसकी बहन सुनीता की शादी गांव डोभी निवासी साहबराम और ताऊ की बेटी मीनू की शादी सतबीर के साथ वर्ष 2013 में की थी। शादी के बाद बहन ने एक बेटे निखिल को जन्म दिया।
शादी के कुछ समय बाद ही ससुराल जन बहन को प्रताड़ित करने लगे। ताऊ की बेटी मीनू ने तलाक ले लिया। उसके बाद से ससुरालजन सुनीता को और ज्यादा परेशान करने लगे। उसकी ननद और ननदोई और जेठ भी परेशान करते थे।
उसने बताया कि पति साहब राम अपनी पत्नी के चरित्र पर शक करता था। 24 जुलाई 2019 को बहन का फोन उसकी भाभी पूनम के पास आया और बोली की ससुरालजन आज मुझे और मेरे 3 साल के बेटे निखिल को जान से मारने की योजना बना रहे हैं। उसके बाद दोबारा शाम को फोन किया को बहन सुनीता ने फोन नहीं उठाया।
अगले दिन सुबह पिता जगबीर के पास फोन आया और कहा कि सुनीता कल से घर से गायब है। यहां पर आई है। इस बात को सुनकर शक हुआ और ताऊ के बेटे अनिल के साथ डोभी गांव पहुंचा।
वहां पर बहन की सास शांति देवी बैठी थी। जब उस से सुनीता के बारे में पूछा तो कोई जवाब नहीं दिया। वहीं सुनीता के जेठ के कमरे पर ताला लगा हुआ था और कमरे के अंदर से खून बह रहा था। साथ ही वह बदबू आ रही थी। जब दरवाजे को खोल कर देखा तो अंदर फर्श पर सुनीता और उसके 3 साल के बेटे निखिल का शव पड़ा हुआ था। कमरे के अंदर कुल्हाड़ी पड़ी थी।
आरोप था कि साहबराम ने चरित्र के शक के चलते अपनी पत्नी और बेटे की हत्या कर दी। पीड़ित पक्ष के वकील महेंद्र सिंह नैन व जगदीश कुमार ने बताया कि आरोपी सिपाही साहब राम को 8 सिंतबर को कोर्ट दोषी करार दिया था।