डॉ. अशोक चहल व डॉ. नीरज मोंगा की टीम ने किया ऑपरेशन
हिसार,
यहां के जिंदल अस्पताल के हृदय सर्जरी विभाग की टीम ने 8 साल की बच्ची का टेट्रालाजी ऑफ फैलोट नाम की दिल की बीमारी का सफल आप्रेशन किया गया। इस बीमारी में जन्म से ही बच्चे के दिल में विकार होता है जिसमें एक बड़े छेद के साथ फेफड़ों की मुख्य धमनी में रूकावट हो जाती है जिसके कारण शरीर में कम ऑक्सीजन का खून फेफड़ों में जाने की जगह शरीर की मुख्य महाधमनी में बाईपास हो जाता है। ये बच्चे जन्म से ही नीले पड़ते हैं व सांस की समस्या से ग्रस्त होते हैं। इनका शारीरिक विकास भी पूरा नहीं होता। इस बीमारी का एकमात्र इलाज केवल ओपन हार्ट सर्जरी द्वारा रिपेयर से हो सकता है जो काफी जटिल होता है व हर जगह उपलब्ध भी नहीं होता। इस ऑपरेशन में हार्ट सर्जन के अलावा हार्ट एनेस्थीसिया के डॉक्टर व ऑपरेशन थिएटर टीम व आई सी यू टीम का भी अहम योगदान होता है।
डॉ. अशोक चहल व नीरज मोंगा ने बताया कि दिल के इस प्रकार के विकारों का ऑपरेशन जल्दी से जल्दी होना चाहिए ताकि बच्चों के शारीरिक व मानसिक विकास पर प्रतिकूल असर न पड़े। इस बच्ची के शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा ऑपरेशन से पहले केवल 60 प्रतिशत थी। ऑपरेशन के द्वारा दिल के दो छेद बंद किये गए और साथ में फेफड़ों की धमनियों को खोला गया। ऑपरेशन के बाद बच्ची पूरी तरह से ठीक हो गयी और ऑक्सीजन की मात्रा 100 प्रतिशत हो गई और बच्ची नीली पडऩी बंद हो गई व सांस लेने में होने वाली परेशानी भी ठीक हो गई। बच्ची 5वें दिन छुट्टी होकर घर चली गई। इससे पहले बच्ची के परिजन काफी जगह इलाज करवा चुके थे लेकिन बच्ची की बीमारी ठीक नहीं हो पाई थी। डॉ. अशोक चहल ने बताया कि बच्चों के दिल के विकारों की इलाज की सुविधा काफी कम अस्पतालों में है व बड़े शहरों में यह ऑपरेशन बहुत महंगा होता है।