धर्म

परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—271

एक व्यक्ति अपने जीवन से बहुत परेशान था और सुबह-शाम दुखी रहता। एक दिन उसके शहर में एक संत आए। वह युवक उनके दर्शन के लिए गया। सभी लोग संत को अपनी-अपनी परेशानियां बता रहे थे। दुखी युवक भी संत के पहुंच गया।

व्यक्ति ने संत से कहा कि मैं बहुत परेशन हूं, मुझ पर कृपा करें। कुछ ऐसा रास्ता बताएं, जिससे मेरी सभी परेशानियां एक साथ दूर हो जाएं और मेरा जीवन सुखी हो जाए।

दुखी व्यक्ति की बातें सुनकर संत ने कहा कि मैं तुम्हारे दुखों को दूर करने का रास्ता जरूर बताउंगा, लेकिन इसके लिए तुम्हें मेरा एक काम करना होगा। व्यक्ति ने कहा कि ठीक है गुरुदेव, काम बताएं। संत ने कहा कि आज राज तुम्हें मेरी गौशाला में गायों की देखभाल करनी है। जब सभी गाय सो जाएंगी, तब तुम भी सो जाना।

दुखी व्यक्ति ने संत की बात मान ली और उस रात वह गौशाला में गायों की देखभाल करने के लिए चले गया। पूरी रात उसने गायों का ध्यान रखा। अगले दिन सुबह वह संत से मिलने गया। संत ने उससे पूछा कि तुम्हें नींद कैसी आई?

व्यक्ति ने कहा कि गुरुजी मैं तो पूरी रात सो ही नहीं सका, क्योंकि सभी गाय एक साथ नहीं सोती हैं। एक गाय सोती है तो दूसरी उठ जाती है। पूरी रात ऐसा ही चलता रहा।

संत ने कहा कि हमारे जीवन में परेशानियां भी गायों की तरह ही हैं। कभी भी एक साथ सभी समस्याएं शांत नहीं हो सकती, जीवन में कुछ न कुछ दुख तो बना ही रहता है। इसीलिए हमें परेशानियों का डटकर सामना करना चाहिए। बाधाओं से डरे नहीं, उन्हें दूर करने का प्रयास करें।

धर्मप्रेमी सुंदरसाथ जी, जीवन में परेशानियों का आना-जाना लगा रहता है, कभी भी सारी बाधाएं एक साथ दूर नहीं हो पाती हैं। ऐसी स्थिति में धैर्य बनाए रखना चाहिए और परेशानियों को दूर करने की कोशिश करते रहना चाहिए।

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Jeewan Aadhar Editor Desk