राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर गुजविप्रौवि में समारोह, मेधावियों को किया सम्मानित
हिसार,
यहां के गुरु जंभेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के रसायन, भौतिकी, गणित व खाद्य तकनीकी तथा विज्ञान भारती (विभा) की हिसार इकाई के संयुक्त तत्वावधान में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के उपलक्ष्य पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। समापन समारोह विश्वविद्यालय के चौधरी रणबीर सिंह सभागार के हॉल नंबर एक में हुआ। इस अवसर पर मेधावी विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया। समापन समारोह के मुख्यातिथि कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार थे, जबकि मुख्य वक्ता डीएसटी नई दिल्ली की डॉ. अनिता अग्रवाल थी। कुलसचिव डॉ. अवनीश वर्मा, डीन एफपीएस एंड टी प्रो. जेबी दहिया तथा डीन एफईबी एंड टी प्रो. प्रवीण शर्मा विशिष्ट अतिथि थे। कार्यक्रम के संयोजक रसायन विभाग के अध्यक्ष प्रो. देवेन्द्र कुमार थे तथा अध्यक्षता विज्ञान भारती की हिसार इकाई की अध्यक्षा प्रो. सुनीता श्रीवास्तव ने की।
कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने इस अवसर पर कहा कि अब हमें वैश्विक स्तर पर सोचना होगा। जिस प्रकार विकसित देशों के विश्वविद्यालय उद्योगों और कम्पनियों के साथ जुड़े हैं, भारत के विश्वविद्यालयों को ऐसी ही संभावनाओं को तलाशना होगा और उन पर अमल करना होगा। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि कामयाबी उन्हें ही मिलती है जो बिना रूके और बिना थके लगातार नए प्रयोग और नए प्रयास करते हैं। विज्ञान को अगर हम मनोरंजन की तरह अपनाएंगे तो विज्ञान आसान भी दिखेगी और इसके दूरगामी और सुगम परिणाम भी आएंगे।
मुख्य वक्ता डॉ. अनिता अग्रवाल ने कहा कि आज का युग विज्ञान का युग है। यह दिन हर साल 28 फरवरी को भारत के महान वैज्ञानिक नोबेल पुरस्कार एवं भारत रत्न से सम्मानित ‘प्रो. सीवी रमन’ की याद में मनाया जाता है। डॉ. अनिता ने कहा कि राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2021 की थीम ‘फ्यूचर ऑफ एसटीआई: इम्पैक्ट्स ऑन एजुकेशन, स्किल्स एंड वर्क है। इसका उद्देश्य छात्रों को विज्ञान के क्षेत्र में अनुभव प्राप्त करने के लिए प्रेरित करना है। इस दौरान सार्वजनिक भाषण, विज्ञान फिल्में, विज्ञान प्रदर्शनियां, विज्ञान विषयों, अवधारणाओं और अन्य गतिविधियों पर आधारित कार्यक्रम किए जाते हैं ताकि बच्चों पर इसका प्रभाव पड़ सके। उन्होंने बताया कि कई बार एक साधारण मनुष्य भी ऐसी खोज कर देता है, जिसका लोहा दुनिया मानती है। हो सकता है कि समय लग जाए लेकिन सही दिशा में निरंतरता निर्णायक साबित होती है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने भी राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर हमारे वैज्ञानिकों को बधाई दी है। स्वदेशी कोवैक्सीन लगवाकर प्रधानमंत्री ने कहा है कि कोरोना जैसी महामारी में भारतीय वैज्ञानिकों ने दुनिया में साबित कर दिया है कि हमारा देश महान वैज्ञानिकों से अटा पड़ा है। वैश्विक स्तर पर आज लोग भारत की कारगर एवं सस्ती वैक्सीन की ओर निगाह जमाए हैं।
मंच संचालन शोधार्थी प्रतिभा एवं मानसी ने किया। समारोह के अंत में विजेता प्रतिभागियों को सर्टिफिकेट एवं पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। अतिथियों को स्मृति चिन्ह एवं शॉल भेंट कर सम्मानित किया गया। इससे पूर्व मां शारदे की तस्वीर के समक्ष दीपक जलाकर कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ हुआ। संयोजक प्रो. देवेन्द्र कुमार ने अतिथियों का परिचय कराते हुए समारोह का संक्षिप्त परिचय दिया।
इस अवसर पर प्रो. सुजाता सांगी, प्रो. कपिल, प्रो. अलका शर्मा सहित विभिन्न विभागों के शिक्षक, विद्यार्थी एवं स्टाफ सदस्य उपस्थित रहे।