धर्म

परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—322

एक व्यक्ति अपने गांव के प्रसिद्ध संत के पास पहुंचा। व्यक्ति ने संत से कहा कि गुरुजी मैं बहुत दुखी हूं। मेरे जीवन में कई समस्याएं एक साथ चलती रहती हैं। मैं एक हल करता हूं तो दूसरी परेशानी आ जाती है। कृपया कोई ऐसा उपाय बताएं, जिससे मेरी सभी बाधाएं खत्म हो जाएं और मन हमेशा शांत रहे।

संत ने उस व्यक्ति से कहा कि तुम्हारी समस्या का समाधान मैं कल बताऊंगा। लेकिन, तुम्हें मेरा एक छोटा सा काम करना होगा। आज रात मेरे तुम्हें मेरे ऊंटों का ध्यान रखना है। जब सभी ऊंट सो जाए तो तुम सो जाना।

दुखी व्यक्ति ने संत का काम करने के लिए हां कर दी। रात में ऊंटों की देखभाल करने लगा। अगले दिन वह व्यक्ति संत के पास पहुंचा तो संत ने उससे पूछा कि तुम्हें रात में नींद कैसी आई?

व्यक्ति ने जवाब दिया कि गुरुजी मैं तो रात में सो नहीं सका। आपके ऊंटों ने मुझे परेशान कर दिया। मैं एक ऊंट को बैठाता तो दूसरा ऊंट खड़ा हो जाता। सारे ऊंट एक साथ बैठे ही नहीं। इसी तरह पूरी रात मैं सो नहीं सका।

संत ने उससे कहा कि हमारे जीवन की समस्याएं भी ऊंटों की तरह ही हैं। हम एक समस्या को हल करते हैं तो दूसरी खड़ी हो जाती है। जीवन इसी तरह चलता है।

व्यक्ति ने पूछा कि जब जीवन ऐसे ही चलना है तो हमें क्या करना चाहिए।?

संत बोले कि समस्याएं तो आती-जाती रहेंगी। हमें हर हाल में आनंद लेना चाहिए। रात में तुमने क्या-क्या देखा?

व्यक्ति बोला कि कुछ ऊंट तो खुद ही बैठ गए और सो गए थे। कुछ को मैंने बैठा दिया था। लेकिन, कुछ ऊंट मेरे प्रयासों के बाद भी बैठे नहीं थे, इनमें से भी कुछ और ऊंट थोड़ी देर बाद बैठ गए और फिर सो गए।

संत ने कहा कि इससे तुम कुछ समझे या नहीं। हमारी कुछ समस्याएं समय के साथ खुद ही हल हो जाती हैं। कुछ समस्याओं को हम हल कर लेते हैं। लेकिन, कुछ परेशानियां हमारी कोशिश के बाद भी हल नहीं हो पाती है। ऐसी स्थिति में हमें प्रतीक्षा करनी चाहिए, हर पल दुखी नहीं रहना चाहिए। इन परेशानियों के बीच जीवन का आनंद लेना चाहिए।

धर्मप्रेमी सुंदरसाथ जी, जीवन में समस्याओं का आना-जाना लगा रहता है। किसी के जीवन में कम समस्याएं होती हैं तो किसी के जीवन में ज्यादा। ऐसी स्थिति में बाधाओं से डरना नहीं चाहिए और निराशा से बचना चाहिए।

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