धर्म

परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—341

एक बार एक कॉलेज में चार दोस्त पड़ते थे। चारों एक ही क्लास में थे इसलिए इनके बीच की दोस्ती काफी गहरी थी। एक दिन कॉलेज में घोषणा की गई के कुछ दिन बाद आपके पेपर लिए जायेंगे। लेकिन ये बात ये चारो दोस्त भूल गए और पेपर की एक रात पहले ये चारों दोस्त पार्टी के लिए बाहर चले गए।

अगले दिन जब चारों दोस्त कॉलेज गए तो उन्होंने देखा कि पेपर का टाइम ही खतम हो चुका है तब इन चारों दोस्तों ने एक प्लान बनाया और कार का ऑयल अपने कपड़े पर लगाया और अपनी प्रिंसिपल के केबिन में जाकर प्रिंसिपल से कहा हमारी कार का टायर पंचर हो गया था इसलिए हम पेपर नहीं दे पाए। प्रिंसिपल ने कहा ठीक है तुम कल कॉलेज आना कल तुम्हारा पेपर ले लिया जाएगा।

चारों दोस्त खुश होकर वहां से निकल गए और ये सोचने लगे की आज तो हम बच गए। इन चारों दोस्तों ने रात भर पढ़ाई की और जब अगले दिन पेपर देने गए तब इनसे कहा गया कि तुम चारों का पेपर अलग—अलग क्लास में लिया जाएगा। चारों दोस्त अलग अलग क्लास में जाकर बैठ गए। लेकिन जब इनके हाथ में पेपर आया तब इनकी आंखे खुली की खुली रह गई। पेपर में सिर्फ एक सवाल लिखा था कि कार का कौन सा टायर पंचर हुआ था चारों दोस्त हैरान हो गए तब उनको अपनी गलती का एहसास हुआ।

धर्मप्रेमी सुंदरसाथ जी, हमें कभी झूठ नहीं बोलना चाहिए। आप जिससे झूठ बोल रहे हो और उसको आपके झूठ के बारे में पता है तो आप सिर्फ उसकी नज़रों में ही नही बल्कि अपनी नज़रों में भी बुरे और छोटे बन जाओगे।

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Jeewan Aadhar Editor Desk

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