धर्म

परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—532

गुरु वशिष्ठ, श्रीराम को गाधी ब्राह्मण की कथा सुनाते हैं कि गाधी के मन में माया को जानने की इच्छा हुई, इसलिए वो विष्णु की उपासना करने लगा। भगवान प्रसन्न हुए और तथास्तु कहा। कुछ दिनों बाद गाधी ने गंगा स्नान करते हुए जैसे डुबकी लगाई, तभी अनुभव हुआ कि उसकी मृत्यु हो जाती है और वह चांडाल के घर में जन्मता है। जवान होने पर उसकी शादी हो जाती है, बच्चे हो जाते हैं। एक बार उस देश में अकाल पड़ता है, जिससे उसके बच्चे और स्त्री मर जाती है और वह दुखी होकर देश छोड़ देता है।

रास्ते में हाथी उसको सूंड में उठाकर अपने ऊपर बिठाता है। वह हाथी उस देश के राजा का था, जो कुछ दिन पहले मर गया था। राजा के संतान न होने के कारण प्रथा अनुसार हाथी को छोड़ा था कि वह जिसको ऊपर बिठायेगा वह राजा बनेगा। अब चांडाल राजा बन गया और पहले राजा के सभी भोग, स्त्री, धन इसके हो गए। आठ साल बीतने के बाद एक दिन राजा के पुराने चांडाल मित्र राज्य पहुंचे, राजा ने मित्रों को पहचान लिया। सब मित्र जब राजा से गले मिलने लगे, तब देशवासियों ने पहचान लिया कि राजा चांडाल है। बात राज्य में फैल गई। रानियों और संबंधियों को पता चला, तो उन्होंने चिताएं बनाकर जीते जी आग में अपने को जला दिया। राजा को भी विरक्ति आई और उसने भी अपने को आग में डाला जैसे ही गर्मी लगी तभी गाधी ने पानी से अपना सिर बाहर निकाला।

विचार किया कि एक डुबकी लगाने में जितना समय लगा, उतने समय में इतना सब कैसे बीता? कुछ दिनों बाद गाधी के घर एक अतिथि आया। उसने बताया यहां से कुछ दूर एक देश में रानियों और अनेक पुरुष जीते जी इसलिए जल गए, क्योंकि वो अनजाने में आठ साल से चांडाल जाति के राजा के साथ रहे। राजा ने भी आग में कूदकर जान दे दी। इतना सुनते ही गाधी को आश्चर्य हुआ। वह उस यात्री को लेकर उसी देश गया, गाधी ने सब कुछ पहचान लिया। अब गाधी समझ गया कि यह सब माया है, जो भगवान ने उसे दिखाई। माया बड़ी विचित्र होती है इसका मर्म समझना बड़ा मुश्किल है। इसलिए माया को नहीं बल्कि मायापति को ही पकड़ लो।

धर्मप्रेमी सुंदरसाथ जी, यह कथा हम सब प्राणियों की है। हम माया में डूबकर इस संसार को सत्य मान लेते हैं और संसार को बनाने वाले ईश्वर को भूल जाते हैं। यहीं माया है। इसी माया में खोकर हम अपना मानव जीवन व्यर्थ करते हैं।

Shine wih us aloevera gel

https://shinewithus.in/index.php/product/anti-acne-cream/

Related posts

परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—166

ओशो-संतो मगन भया मन मेरा

भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं के सुनने से मानव का मन पवित्र हो जाता हैं: स्वामी सदानंद

Jeewan Aadhar Editor Desk