धर्म

परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—540

नारद मुनि, जो भगवान के भक्त थे, को एक बार शिव जी ने सलाह दी कि वे विष्णु जी के सामने अपनी तारीफ न करें। लेकिन नारद ने शिव जी की सलाह को अनसुना कर दिया और विष्णु जी के सामने अपनी तारीफ करने लगे।

नारद के घमंड को देखकर विष्णु जी ने अपनी माया से एक सुंदर राज्य और राजकुमारी का स्वयंवर रचा। नारद उस स्वयंवर में गए और राजकुमारी को देखकर मोहित हो गए। उन्होंने विष्णु जी से सुंदर रूप और राजकुमारी से विवाह करने की इच्छा व्यक्त की। विष्णु जी ने नारद को वानर का मुख दे दिया, जिससे वह स्वयंवर में अपमानित हुए।

गुस्से में नारद ने विष्णु जी को शाप दिया, लेकिन बाद में उन्हें अपनी गलती का एहसास हुआ। उन्होंने विष्णु जी से क्षमा मांगी और अपनी गलती के लिए पश्चाताप किया।

धर्मप्रेमी सुंदरसाथ जी, हमें किसी भी स्थिति में घमंड नहीं करना चाहिए। हमें दूसरों की सलाह को सुनना चाहिए और अहंकार से दूर रहना चाहिए। हमें दूसरों के साथ सम्मान से पेश आना चाहिए और अपनी गलतियों को स्वीकार करना चाहिए। यदि हम इन बातों को ध्यान में रखते हैं, तो हम अपने जीवन में सफलता और शांति प्राप्त कर सकते हैं।

Shine wih us aloevera gel

https://shinewithus.in/index.php/product/anti-acne-cream/

Related posts

परमहंस स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—94

Jeewan Aadhar Editor Desk

महाशिरात्रि पर इसप्रकार करें भगवान शिव का रुद्राभिषेक, पूरी होंगी मनोकामनाएं

परमहंस स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—23

Jeewan Aadhar Editor Desk