हिसार

एचएयू हर जिले में विकसित करे मॉडल कृषि विज्ञान केंद्र : डॉ. एके सिंह

आईसीएआर के उप महानिदेशक (विस्तार शिक्षा) डॉ. एके सिंह ने वैज्ञानिकों से सांझा किए विचार

हिसार,
हिसार का हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय उत्तर भारत का अपने आप में एक अनूठा विश्वविद्यालय है जहां जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए उत्कृष्ट केंद्र स्थापित किया गया है। इसलिए विश्वविद्यालय को अपने सभी कृषि विज्ञान केंद्रों को भी मॉडल के रूप में विकसित करना चाहिए।
यह बात भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के उप महानिदेशक (विस्तार शिक्षा) डॉ. एके सिंह ने कही। वे विश्वविद्यालय के पंडित दीन दयाल उपाध्याय सेंटर फॉर ऑर्गेनिक फार्म के भ्रमण के बाद विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों से रूबरू हो रहे थे। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए राज्य व केंद्र सरकार भी भरसक प्रयत्न कर रही हैं। इसलिए विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक अपने कृषि विज्ञान केंद्रों के माध्यम से जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों को जागरूक करें। साथ ही कृषि विज्ञान केंद्रों पर कार्यरत वैज्ञानिक भी स्वयं व्यवहारिक रूप से विश्वविद्यालय के इस जैविक खेती केंद्र में प्रशिक्षण हासिल करें ताकि किसानों को आसानी से हर प्रकार की जानकारी मुहैया करवाई जा सके।
150 एकड़ में फैला है फार्म, किसानों को दिया जाता है परामर्श: प्रो. समर सिंह
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर समर सिंह ने बताया कि यह केंद्र करीब 150 एकड़ में फैला हुआ है और इसमें बागवानी, सब्जियों के साथ-साथ अन्य फसलों को भी जैविक रूप से तैयार किया जाता है। पंडित दीन दयाल उपाध्याय सेंटर फॉर ऑर्गेनिक फार्म प्रदेश के किसानों को ऑर्गेनिक फल और सब्जियों को उगाने के प्रति प्रेरित करने में अहम भूमिका निभा रहा है। दरअसल, किसानों को ऑर्गेनिक खेती के प्रति प्रेरित करने के उद्देश्य से ही इस केंद्र की स्थापना वर्ष 2017 में की गई थी। वर्तमान में एचएयू में विभिन्न प्रकार के फलों, सब्जियों व अनाजों को बिना रसायनिक पदार्थों का प्रयोग किए खेती की जा रही हैं। केंद्र के निदेशक डॉ. अनिल कुमार ने बताया कि ऑर्गेनिक कृषि से किसान उत्पादन में वृद्धि व आय में बढ़ोतरी कर सकते हैं। इससे मिट्टी के जैविक गुण और उपजाऊपन को बढ़ाया जा सकता है। किसान जैविक खाद और जैविक इंसेक्टिसाइट का उपयोग करके एक बेहतर फसल ले सकते हैं। इससे पर्यावरण को नुकसान नहीं होता और खेत में सूक्ष्म जीव और वनस्पतियों को प्रोत्साहित करने में भी सहायक होते हैं व मिट्टी की संरचना में सुधार होता है।
ये रहे मौजूद
इस अवसर पर कुलपति के ओएसडी डॉ. एमएस सिद्धपुरिया, अनुसंधान निदेशक डॉ. एसके सहरावत, कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. एके छाबड़ा, स्नातकोत्तर अधिष्ठाता डॉ. आशा क्वात्रा, सहित विश्वविद्यालय के निदेशक, विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, वैज्ञानिक, प्रशासनिक अधिकारी व अन्य कर्मचारी मौजूद रहे।

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