श्रवण एवं वाणी नि:शक्त जनकल्याण केन्द्र में कान्फ्रेंस आयोजित
हिसार,
दिव्यांग कमीशन के आयुक्त राजकुमार मक्कड़ ने कहा कि दिव्यांजनों को मुख्यधारा में लाने के लिए जनजागरण की आवश्यकता है। दिव्यांगों के साथ सामाजिक व्यवहार में परिवर्तन लाना बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि दिव्यांगों को सशक्त बनाने के लिए सरकार की ओर से कई योजनाओं पर कार्य किया जा रहा है। इसी के तहत प्रदेश के प्रत्येक जिले में दिव्यांगजनों के लिए 10-10 स्कूल खोले जाएंगे, जहां उनकी जरूरतों के अनुरूप आधुनिक तकनीकों के समावेश से विशेष पाठ्यक्रम संचालित होंगे।
श्रवण एवं वाणी नि:शक्त जनकल्याण केन्द्र में आयोजित एक कान्फ्रेंस को संबोधित करते हुए उन्होंने यह बात कही। उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए दिव्यांग अधिनियम 2016 के विभिन्न पहलुओं की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस एक्ट के तहत दिव्यांगों को नौकरियों, पदोन्नति और शिक्षण संस्थानों में अतिरिक्त आरक्षण का लाभ दिया गया है। इसके अतिरिक्त उन्हें दिव्यांग पैंशन, छात्रवृत्ति, बस व रेल पास की सुविधा दी जा रही है। इसके अतिरिक्त दिव्यांग कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति में दो साल का अतिरिक्त लाभ दिया जा रहा है। आयुक्त ने कहा कि दिव्यांग एक्ट को लागू करने में अधिकारियों की जवाबदेही तय कि जाएगी और लापरवाही बरतने पर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इस अवसर पर केंद्र के निदेशक सुबोध कुमार दुबे ने कार्यशाला व स्कूल के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह विद्यालय सन्ï 1981 से तीन बच्चों के साथ प्रारंभ हुआ था और इस केन्द्र में फिलहाल 167 बच्चें शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। स्कूलों में विशेष जरूरतों वालों बच्चों को दक्ष बनाने के लिए हाल ही में शिक्षा विभाग के 9 खंडों से पीटीआई अध्यापकों को सांकेतिक भाषा की ट्रेनिंग दी गई है, ताकि वे विद्यालय मे जाकर सांकेतिक भाषा बारे बच्चों को जागरूक कर सकें। जल्द ही श्रवण एवं वाणी नि:शक्त जनकल्याण केन्द्र में 5 वर्ष तक के दिव्यांग बच्चों के लिए आधारम नाम से अलग से एक केंद्र स्थापित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिले में लगभग 10 हजार दिव्यांग बच्चें व युवा हैं, जिन्हें प्रभावी रूप से मुख्यधारा में लाने के लिए शिक्षा विभाग के सहयोग से व्यापक कार्यक्रम आरंभ किया गया है। इस मौके पर स्कूल के बच्चों द्वारा आकर्षक सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया गया।