सरकार ने बंद पड़े उद्योग व नए उद्योग लगाने के लिए किसी प्रकार की रियायतें नहीं दी
हिसार,
हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष व अखिल भारतीय व्यापार मंडल के मुख्य महासचिव बजरंग गर्ग ने कहा है कि हरियाणा सरकार ने चंडीगढ़ में उद्योगपतियों की जो बैठक बुलाई थी, उससे उद्योगपतियों को निराशा हाथ लगी है। बैठक से उद्योगपतियों को काफी उम्मीदें थी लेकिन सरकार ने उन उम्मीदों पर पानी फेर दिया।
एक बयान में बजरंग गर्ग ने कहा कि उद्योगपतियों को उम्मीद थी कि हरियाणा में बंद पड़े उद्योगों को चालू करने के लिए व हरियाणा में नए उद्योग लगाने के लिए सरकार उद्योगपतियों को सस्ती जमीनें, बिजली के बिल, फैक्ट्रियों में लगने वाली मशीनरी पर 50 प्रतिशत सब्सिडी देगी, सरकार द्वारा निजी क्षेत्र में 75 प्रतिशत युवाओं को आरक्षण देने की समस्या का समाधान करेगी और गांव स्तर पर कुटीर उद्योग लगाने के लिए विशेष योजना बनाने के साथ-साथ उद्योगों के लिए पैकेज देने की घोषणा करेगी मगर सरकार ने एक भी ऐसी घोषणा नहीं की जिससें हरियाणा में बंद पड़े उद्योग दोबारा चालू हो सके व नए उद्योग प्रदेश में स्थापित हो सके। उन्होंने कहा कि यूपी सरकार उद्योगपतियों को यूपी में उद्योग लगाने के लिए 6000 रुपए प्रति गज के हिसाब से जमीन व बिजली सस्ती के साथ-साथ हर प्रकार की सुविधा दे रही है, इसी प्रकार हिमाचल व उत्तरांचल की सरकार उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए हर प्रकार की रियायतें दे रही है, जबकि हरियाणा सरकार उद्योगपतियों को इंडस्ट्रीज लगाने के लिए प्लाट की कीमत यूपी से कही गुणा ज्यादा ले रही है।
बजरंग गर्ग ने कहा कि सरकार की गलत नीतियों के कारण आज हरियाणा में अनेक उद्योग ठप्प हो चुके हैं और आगे भी काफी उद्योगपति हरियाणा से पलायन करने की तैयारी में है। हरियाणा में लगातार व्यापार व उद्योग ठप्प होने से लाखों लोग प्रदेश में बेरोजगार हो चुके हैं। सरकार जो पहले लाखों लोग बेरोजगार हो चुके हैं उनको रोजगार दिला नहीं पाई है मगर आगे व्यापार व उद्योग के माध्यम से 75 प्रतिशत युवा बेरोजगारों को रोजगार देने की बात करके युवाओं की भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर रही है। जब हरियाणा में नए उद्योग ही नहीं लगेंगे तो युवाओं को रोजगार कहां से मिलेगा। उन्होंने कहा कि अगर सरकार की नीयत युवाओं को रोजगार देने की है तो सरकार को प्रदेश में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए उद्योगपतियों को विशेष पैकज व हर प्रकार की रियायतें व सुविधा देनी चाहिए, ताकि प्रदेश में बंद पड़े उद्योग व गांव स्तर पर छोटे-छोटे उद्योगों के साथ-साथ नए-नए उद्योग हरियाणा में स्थापित हो सके।