फतेहाबाद,
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के सौजन्य से हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा सभी जिला व उपमंडलीय अदालतों में आगामी 10 अप्रैल को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है। यह राष्ट्रीय लोक अदालत फिजिकली या वर्चुअल स्तर पर (ई-लोक अदालत के माध्यम से) कोविड-19 की मौजूदा स्थिति को ध्यान में रखते हुए तथा पार्टियों की सुविधा के अनुसार उपरोक्त दोनों तरीकों को अपनाते हुए आयोजित की जाएगी।
मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव रामावतार पारीक ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत में आपसी भाईचारे से वाहन दुर्घटना मुआवजा केस से संबंधित मामले, मजदूरी विवाद, दीवानी मामले जैसे कि बैंक ऋण, राजस्व, नौकरी से संबंधित मामले आदि, बच्चों व पत्नी के लिए भरण पोषण आदि से संबंधित लंबित विवाद, वैवाहिक मामले, जमीन अधिग्रहण मुआवजा से संबंधित मामले, बाढ़-पीडि़त, बिजली, पानी बिल से संबंधित मामले, बैंक बाउंस मामले व राजीनामा योग्य फौजदारी मामलों का निपटारा किया जाएगा। इसके अलावा नागरिकों का कोई भी अन्य दीवानी विवाद, जो अदालत में लंबित नहीं है, वह भी लोक अदालत में लिखा जा सकता है।
लोक अदालत के फायदे
सीजेएम ने बताया कि लोक अदालत में आपसी भाईचारे पर मामलों का निपटारा होने के अनेक फायदे हैं। उन्होंने बताया कि लोक अदालत में दोनों पक्षों की रजामंदी से शांतिपूर्ण समझौता होता है, लंबा इंतजार खत्म, तुरंत निर्णय, मुकद्में की हमेशा के लिए समाप्ति क्योंकि लोक अदालत में फैसला होने पर कोई अपील नहीं, लोक अदालत में फैसला होने पर सारी कोर्ट फीस वापिस, समान न्याय, ना किसी की जीत, ना किसी की हार तथा द्वेष भावना खत्म, प्रतिपक्षी से आपसी भाईचारा व दोस्ती का संबंध बना रहता है।
उन्होंने कहा कि नागरिक अपने मुकद्मों के लोक अदालत में समाधान के लिए या अन्य संबंधित जानकारी के लिए जिला एवं सत्र न्यायधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव, अतिरिक्त सिविल न्यायाधीश (वरिष्ठ श्रेणी) एवं उपमंडल विधिक सेवा समिति अध्यक्ष अथवा अपने नजदीकी कानूनी संरक्षण एवं समर्थन केंद्र में संपर्क कर सकते हैं।