अगर उस दौरान उस स्त्री की छाया सर्प पर पड़ जाती है तो वो सर्प अंधा हो जाता है और फल फूलों वाली बेल पर छाया पड़ती है तो वो बेल मुरझा जाती है
हिसार,
भगवान श्री जामभोजी ने हमें दूसरा नियम बताया पांच ऋतुवंती न्यारो, और इस नियम के माध्यम से हमें ग्रहस्थ आश्रम को शुद्ध रखने की सुंदर व्यवस्था दी और मातृशक्ति को रजस्वला धर्म की पालना बतलाई। प्रत्येक ग्रहस्थ आश्रम में रजस्वला धर्म के पांच दिन की अवधि में स्त्री को घर के कार्यों से जैसे पूजा घर, रसोई, जलघर, दूध निकालना, घी निकालना आदि कार्यों से पृथक रहने का आदेश दिया क्योंकि वो अशुद्धि का समय होता है, उस दौरान बनाया हुआ भोजन, पानी खिलाने-पिलाने में पाप लगता है। शास्त्रों के अनुसार अशुद्धि का इतना प्रभाव होता है, अगर उस दौरान उस स्त्री की छाया सर्प पर पड़ जाती है तो वो सर्प अंधा हो जाता है और फल फूलों वाली बेल पर छाया पड़ती है तो वो बेल मुरझा जाती है। अशुद्धि अवस्था में बनाये भोग भगवान को नहीं लग सकता। अपवित्र अवस्था में भोग पूजा भगवान स्वीकार नहीं करते।
वर्तमान समय में जो भी सज्जन इस नियम को पढ़ेगा उसके दिमाग में बहुत से प्रश्न आने स्वाभाविक है, क्योंकि जिस समय भगवान श्री जांभोजी ने हमें ये नियम दिया उस समय संयुक्त परिवार थे और आज सिंगल परिवार है। इस नियम को पालने में कठिनाई मानते हैं। इस समस्या का समाधान इस धर्म को पालने में पुरुष वर्ग को साथ देना होगा क्योंकि प्रत्येक व्यक्ति ने शादी के समय में आप याद करो, वधु ने कहा था कि मेरे इन सात वचनों को पालन करो तो मैं बातें अंग आऊं, उस समय आपने बड़ी ही तेजी से ये वचन भरें थे कि मैं धर्म के हर कार्य में आपका साथ निभाऊंगा। देखिए, अगर वो औरत महीने में पच्चीस दिन हमें खाना खिलाती है, हमें उसको पांच दिन खिलाने में कहां आपत्ति है और साथ में हमें अपने बच्चों को भी भोजन बनाना सीखाना चाहिए। विशेष बात ये कि हमें अपनी रसोई घर में ऐसा आज से ही नियम बनाना चाहिए कि भोजन बनाते समय शांत मधुर स्वभाव से हरि कीर्तन गुनगुनाते हुए ही भोजन बनायें और भोजन तैयार होते ही पहले भगवान को भोग लगा कर ही हम भोजन करेंगे तो वो भोजन नहीं प्रसाद बन जाएगा और वो प्रसाद हमारी बुद्धि को पवित्र करके हमें धर्म के रास्ते पर ले जाएगा।
कृपया इस नियम को अपने घर में लागू करने की कृपा करें, आपको कुछ ही समय बाद इस नियम के परिणाम देखने को मिलेंगे।
ओमप्रकाश राहड़, पटवारी
मोबाइल नंबर : 99925-13729