हिसार

हिसार के निजी अस्पताल में ऑक्सीजन न मिलने पर पांच मरीजों की मौत

परिजनों ने किया हंगामा, चिकित्सकों व कर्मचारियों से हाथापाई, सीएम ने दिया मजिस्ट्रेट जांच करवाने का आश्वासन

हिसार,
शहर के एक निजी अस्पताल में उपचाराधीन पांच मरीजों की ऑक्सीजन न मिलने के कारण मौत हो गई। मरने वालों में तीन हिसार जिले से ही संबंधित है जबकि एक मरीज दिल्ली से और एक पंजाब से है। घटना शहर के जाट कॉलेज के पास स्थित सोनी बर्न अस्पताल की है। बताया जा रहा है कि मरीजों को रेमडेसिविर इजेक्शन भी दिए गए थे लेकिन उनकी जान नहीं बचाई जा सकी।
उधर, मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पांच मरीजों की ऑक्सीजन के अभाव में मौत पर दुख जताया है। उन्होंने कहा कि मामले की मजिस्टे्रट जांच करवाई जाएगी ताकि सच्चाई सामने आ सके। निजी अस्पताल में ऑक्सीजन ना मिलने पर दम तोडऩे वालों में आदमपुर के गांव भाणा से 26 वर्षीय सतेंद्र, बरवाला में ढाणी खान बहादुर से 43 वर्षीय राजेश्वर, पश्चिम दिल्ली में नांगलोई की धर्म कालोनी से 44 वर्षीय अनिल कुमार, उकलाना की इंद्र कालोनी से 67 वर्षीय पासाराम व वहीं पंजाब के अरविंद शर्मा शामिल है।
इससे पहले सोमवार सुबह मरीजों की मौत के बाद उनके परिजन गुस्सा गए और उन्होंने एकत्रित होकर अस्पताल के सामने हंगामा कर दिया। भीड़ ने एक मेडिकल कर्मी के साथ मारपीट भी की है वहीं अस्पताल में ऑक्सीजन सप्लाई करने वाले एक युवक के साथ भी मारपीट करने का प्रयास किया गया। चिकित्सक ने हंगामा बढ़ता देख मरीजों के शव को पैक करने के लिए स्वयं अंदर जाकर एक केबिन का शीश तोड़ा और वहां से सामान लाकर मरीजों के शव को पैक करवाया। इस दौरान चिकित्सक ने पुलिस को सूचना दी। इसके बाद अर्बन एस्टेट थाना और सिविल लाइन थाना पुलिस मौके पर पहुंची, जिसके बाद मृतकों के शव को पोस्टमार्टम के लिए अग्रोहा मेडिकल भिजवाया।
बताया जा रहा है कि सोनी बर्न अस्पताल के चिकित्सक डा. रजत सोनी डीसी, सीएमओ, एसपी और डाक्टरों के वाट्सएप गु्रप में लगातार मैसेज करके ऑक्सीजन की डिमांड कर रहे थे। उन्होंने बताया कि उन्होंने सुबह 3 बजकर 10 मिनट पर पहला मैसेज डाला था कि उनके पास ऑक्सीजन सिलेंडर एक घंटे तक ही ऑक्सीजन दे पाएंगे, और अधिक ऑक्सीजन की जरूरत है। चिकित्सक ने वहां ड्राइवर सोनू और मरीज के भाई को सेक्टर 27-28 स्थित प्लांट में ऑक्सीजन लेने के लिए भेजा था, लेकिन वहां इतनी अधिक भीड़ थी कि सिलेंडर गाड़ी को वापस मोडऩे के लिए भी जगह नहीं थी। किसी तरह चालक सोनू एक सिलेंडर लेकर अस्पताल पहुंचा लेकिन तक तक चार मरीजों की मौत हो चुकी थी। बताया जा रहा है कि प्लांट में सीएमओ डा. रतना भारती भी पहुंची थी और उपरोक्त अस्पताल में ऑक्सीजन भिजवाने के लिए कहा था लेकिन ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं मिले, जिसके चलते मरीजों की तड़प-तड़प कर मौत हो गई।

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