हिसार

आदमपुर : गांव सीसवाल का डॉ.उद्धव नरेश बना लेफ्टिनेंट

आदमपुर,
जिले के गांव सीसवाल निवासी प्राध्यापक नरेश शर्मा के बेटे डॉ. उद्धव ने लेफ्टिनेंट की उपाधि प्राप्त की है। डॉ.उद्धव भारतीय सेना में चिकित्सा सेवाएं देंगे। फिलहाल उन्हें जम्मू में सेवाएं देने को भेजा गया है। शनिवार को आर्म्ड फोर्सेज मेडिकल कॉलेज पुणे में कमीशनिंग सेरेमनी का आयोजन किया गया। जहां डॉ.उद्धव को यह उपाधि प्रदान की गई। इस समारोह में 111 ऑफिसर्स को कमीशंड किया गया, जिसमें 95 आर्मी, 6 नेवी और 10 एयरफोर्स से हैं। डॉ.उद्धव के पिता नरेश शर्मा गांव बहबलपुर स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के कार्यवाहक प्रिंसीपल हैं जबकि मां सीमा शर्मा आदमपुर के शांति निकेतन स्कूल में अध्यापिका हैं।
पहले ही प्रयास में हुआ था एएफएमसी में दाखिला
डॉ.उद्धव ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा आदमपुर के शांति निकेतन पब्लिक स्कूल व नॉर्दर्न इंटरनेशनल स्कूल से की। इसके बाद हिसार के ‌कोचिंग संस्थान से एमबीबीएस में दाखिले के लिए कड़ी मेहनत की। साल 2016 में पहले ही प्रयास में उद्धव का आर्म्ड फोर्सेज मेडिकल कॉलेज (एएफएमसी) पुणे में दाखिला हुआ। पिछले साढ़े चार साल से उद्धव एएफएमसी पुणे में ही अध्ययनरत थे। प्राध्यापक नरेश शर्मा ने बताया कि उद्धव अपने बैच का सबसे कम उम्र का सैन्य अधिकारी होगा। जम्मू में एक साल के लिए डॉ.उद्धव प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे। इसके बाद आर्मी में बतौर कैप्टन सेवाएं शुरू करेंगे।
डॉ.उद्धव की उपलब्धि पर जताया हर्ष
पढ़ाई के अलावा डॉ.उद्धव को ड्रामा का भी शौक रहा है। वह एएफएमसी पुणे में भी कॉलेज में ड्रामा क्लब के सचिव रहे हैं। डॉ.उद्धव की इस उपलब्धि पर राज्यसभा सांसद सेवानिवृत्त जनरल डॉ.डीपी वत्स व जिला शिक्षा अधिकारी कुलदीप सिहाग, उद्धव के ताऊ रमेश शर्मा, सुनीलदत्त शर्मा, भगवान परशुराम जनसेवा समिति के संस्थापक योगेंद्र शर्मा, एचके शर्मा, आदमपुर के शहीद भगतसिंह युवा मंडल के प्रधान जीत भदरेचा, छबीलदास कालीराणा, राजेंद्र शर्मा, स्कूल प्रबंधक पपेंद्र ज्याणी, विकास सिंवर ने हर्ष जताते हुए इसे आदमपुर के लिए गौरवशाली उपलब्धि बताया है।
पिता बनना चाहते थे सैनिक, अब बेटे ने पूरी की इच्छा
डॉ.उद्धव के पिता नरेश शर्मा सैनिक बनना चाहते थे। उन्होंने एनसीसी में रहते हुए कॉलेज के दिनों में राजपथ पर गणतंत्र दिवस परेड में भी भाग लिया। मगर किसी कारणों से वह सैनिक नहीं बन पाए। अब पिता के सपने को बेटे ने लेफ्टिनेंट बनकर पूरा किया है।

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