विचार

रामदेव की कोरोनिल पर सवाल उठाने वाले कोवैक्सीन और स्पुतनिक-V पर चुप क्यों?

योगगुरु स्वामी रामदेव की कोरोनिल को डब्ल्यूएचओ से प्रमाणित न होने की बात का शोर मचाने वाले आईएमए, फोर्डा और आरडीए कोवैक्सीन और स्पुतनिक-V पर चुप क्यों है। भारत में लग रही कोवैक्सीन और रुस की स्पुतनिक-V को अभी तक डब्ल्यूएचओ की मंजूरी नहीं मिली है। बिना मंजूरी के ये वैक्सीन दुनियां के कई देशों में लगाई जा रही है।

डब्ल्यूएचओ की ताजा लिस्टिंग बताती है कि अब तक 8 वैक्सीन के इमरजेंसी यूज के लिए मंजूरी दी जा चुकी है। इनमें अमेरिका की तीन वैक्सीन- फाइजर-बायोएनटेक, मॉडर्ना और जॉनसन एंड जॉनसन के अलावा कोविशील्ड और चीन के साइनोवैक भी शामिल है। कोवैक्सीन और स्पुतनिक-V को अभी तक डब्ल्यूएचओ से मंजूरी नहीं मिली है।

ऐसे में सवाल उठ रहा है कि जब कोवैक्सीन और स्पुतनिक-V वैक्सीन डब्ल्यूएचओ की बिना मंजूरी के आमजन के लग सकती है तो योगगुरु स्वामी रामदेव की कोरोनिल को लेकर एलोपैथी के संगठनों को ऐतराज क्यों है। बता दें, अमेरिका के विश्वविद्यालयों ने कोवैक्सीन और स्पुतनिक-V वैक्सीन लगवाने वाले दूसरे देशों के विद्यार्थियों को प्रवेश देने से मन कर दिया है। इनका कहना है कि विद्यार्थी डब्ल्यूएचओ से मंजूरशुदा वैक्सीन का सर्टीफिकेट लेकर आएं या फिर दोबारा से मंजूरशुदा वैक्सीन लगवाएं।

Related posts

वर्क फ्रॉम होम, एक बदलाव

गुरु का महत्व : शिक्षक देते है कच्ची मिट्टी को सही आकार

Jeewan Aadhar Editor Desk

रामजन्म भूमि विवाद : जानें 1526 से लेकर 2020 तक की पूरी कहानी