मुख्यमंत्री का प्रदेश में गुड गर्वनेंस देने का दावा हास्यास्पद
हिसार,
कांग्रेस नेता वजीर सिंह पूनिया ने आरोप लगाया है कि केन्द्र व प्रदेश की सरकार एक साजिश के तहत किसान आंदोलन को बदनाम करने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि कोरोना के नाम पर अनेक तरह की पाबंदिया लगाने वाली भाजपा सरकार अपने ही नेताओं व अपनी पार्टी के कार्यक्रमों को बेरोक-टोक चला रही है। उन्होंने मुख्यमंत्री के उस दावे को भी हास्यास्पद बताया, जिसमें उन्होंने प्रदेश में गुड गवर्नेंस देने की बात कही है।
वजीर सिंह पूनिया ने कहा कि देश के किसान नेता इन दिनों तीन कृषि कानूनों को रद करवाने व अन्य मांगों के लिए आंदोलन पर है। सरकार इस आंदोलन को बदनाम करने की साजिश लंबे समय से रच रही है, जिसके चलते कभी आंदोलनकारियों को आतंकवादी बताया गया तो कभी खालिस्तानी तो कभी एक ही जाति विशेष के होने की संज्ञा दी गई। ऐसा करके सरकार जनता में जातपात की खाई बढ़ा रही है जबकि किसान अपनी मांगों व समस्याओं के हल के लिए शांतिपूर्ण ढंग से आंदोलन कर रहे हैं। किसानों पर कोरोना फैलाने व कोरोना वैक्सीन न लगवाने के घटिया आरोप भी प्रदेश सरकार व स्वास्थ्य मंत्री ने लगाए लेकिन किसान संगठनों ने शांति का परिचय देते हुए इन आरोपों का जवाब दिया।
वजीर सिंह पूनिया ने कहा कि किसान संगठनों ने प्रदेश में भाजपा-जजपा सरकार के मंत्रियों, विधायकों व सांसदों के कार्यक्रमों के बहिष्कार का ऐलान किया है वहीं वे इन दोनों पार्टियों के कार्यक्रमों का भी बहिष्कार कर रहे हैं। ऐसे में सरकार को भी संयम का परिचय देते हुए अपने कार्यक्रम रोकने चाहिए लेकिन किसानों के ऐलान के बाद भाजपा-जजपा सरकार के नेता व इन दोनों दलों के नेता और ज्यादा कार्यक्रम करने लगे हैं ताकि प्रदेश का भाईचारा खराब हो और किसानों को बदनाम किया जा सके। उन्होंने कहा कि भाजपा-जजपा सरकार को इस तरह की घटिया हरकतों से बाज आना चाहिए। उन्होंने मुख्यमंत्री के गुड गर्वनेंस देने के दावे को हास्यास्पद बताते हुए कहा कि जिस शासन में कानून-व्यवस्था खराब हो, जनता को पानी, बिजली, चिकित्सा व परिवहन जैसी सुविधाओं के लिए भी संघर्ष करना पड़े तो उस प्रदेश का भगवान ही मालिक है और ऐसा गुड गर्वनेंस भगवान किसी को न दें।