हिसार,
एन्हासमेंट के खिलाफ सेक्टरवासियों का रोष प्रदर्शन जारी है। सैंकड़़ों की संख्या में सेक्टरवासियों ने हुडा कार्यालय के समक्ष जोरदार नारेबाजी करते हुये दो घंटे का धरना लगाया। धरने की अध्यक्षता जिला प्रधान दलबीर किरमारा ने की एवं मंच संचालन महासचिव त्रिलोक बंसल व 16-17 के प्रधान जितेन्द्र श्योराण ने किया।
सेक्टरवासियो के धरने को पूर्व मंत्री प्रो. संपत सिंह, इनेलो के जिला प्रधान राजेन्द्र लितानी, विधायक वेद नारंग, अनूप धानक, शीला भयाण, अमित बूरा, माकपा की जिला सचिव शकुंतला जाखड़, कामरेड सुरेश, दिनेश सिवाच, नागरिक मंच के जिलाध्यक्ष आरसी जग्गा, रणदीप सुरजेवाला के प्रतिनिधि व प्रदेश कांग्रेस कमेटी सदस्य राजेश संदलाना, बसपा के सुरेन्द्र पंघाल ने धरनास्थल पर पहुंच अपना सर्मथन दिया। प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए जिला प्रधान दलबीर किरमारा ने कहा कि सेक्टरवासियों पर डाली गई एन्हासमेंट का हुडा विभाग के अधिकारी हिसाब दें, फर्जी गणना से सेक्टरवासियों से लाखों रूपये वसूलने का प्रयास हो रहा हैं जिसे सेक्टरवासी कदापि सहन नही करेंगें। उन्होने कहा कि सियासी दलों से केवल समर्थन की नहीं सहयोग की जरूरत है। उन्होंने मुख्यमंत्री से अपील की कि सेक्टरवासी इस अन्याय के विरोध में पिछले पन्द्रह दिनों से धरना दे रहे है, मुख्यमत्री द्वारा दिए गए आश्वासन के अनुसार सरकार इसका जल्द समाधान निकले।
संपत सिंह ने नोटिसों को बताया सर्वोच्च न्यायाल के आदेशों की उल्लंघना
सेक्टरवासियों के धरने का समर्थन करने पहुंचे कांग्रेस नेता एवं पूर्व मंत्री प्रो. संपत सिंह ने भाजपा सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि वह हुडा सेक्टरवासियों का खून चूसना बंद करें। सरकार सेक्टरवासियों की बार-बार जेबें खाली करवाकर भी उनका पिंड नहीं छोड़ रही हैं। उन्होंने सरकार से एन्हासमेंट के नोटिस तुरंत वापिस लेने की मांग करते हुए ऐलान किया कि इस एन्हासमेंट को वापिस करवाने में वो सेक्टरवासियों की हर संभव मदद करेगें। उन्होनें कहा कि इस भारी भरकम एन्हासमेंट ने कई दिनों से सैक्टरवासियों की नींद हराम कर रखी हैं। उन्होंने कहा कि ये नोटिस सर्वोच्च न्यायालय के चरणजीत बजाज बनाम हरियाणा सरकार सीडब्ल्यूपी नंबर-1270 ऑफ 1985 डी/डी 8 जुलाई 1986 केस के फैसले के खिलाफ है। न्यायालय ने आदेश दिया था कि एन्हांसमेंट का बोझ रिहायशी प्लॉटों पर ना डालकर सेक्टरों में बची हुई व्यावसायिक भूमि को बेचकर किसानों को मुआवजा देना चाहिए। उन्होंने कहा कि 15 पार्ट में व्यवसायिक उद्देश्य के लिये 100 एकड़ खाली पड़ी भूमि को बेचा जाये तो सैंकड़ों करोड़ रूपये की वसूली करके एन्हांसमेंट का किसानों को भुगतान किया जा सकता है। सर्वोच्च न्यायालय ने यह आदेश भी दिया था कि एन्हांसमेंट आदेश आने के बाद यदि हुडा वसूली की तुरंत कार्यवाही नहीं करता तो ब्याज का बोझ रिहायशी प्लॉट मालिकों पर नहीं डाला जा सकता
धरने मे कुलदीप वत्स, यशवीर मलिक, अमित ग्रोवर, प्रवीण जैन, अमरलाल बूरा, रामनिवास आदमपुरिया, राकेश आर्य, कर्नल चत्तर सिंह गोयत, बलंवत बूरा, डा. बलबीर ढांडी, सूबे सिंह लाठर, सुभाष जैन, मनोज सैनी, वासुदेव शर्मा, कुलबीर दुहन, रामभगत मलिक, सुजान सिंह बैनीवाल, एसवी आर्य, चन्द्र रेड्डू, दिनेश बिश्नोई, संदीप बामल, राजीव अस्थाना, प्रवीन खुराना, पायल बिस्वास व रोजी सहित भारी संख्या मे सेक्टरवासी मौजूद रहे।