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पूर्व वित्तमंत्री प्रो. सम्पत सिंह ने ठुकराई भाजपा राज्य कार्यकारिणी की सदस्यता, जानें भविष्य की राजनीति का गणित

हिसार,
पूर्व वित्तमंत्री प्रो. सम्पत सिंह ने भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ को ट्वीट करके भाजपा राज्य कार्यकारिणी की सदस्यता को ठुकराया दिया। बता दें, प्रो. सम्पत सिंह शुरुआत से ही किसान आंदोलन के पक्ष में है। वे इसे लेकर पहले भी भाजपा की नीतियों का विरोध कर चुके हैं।
क्या लिखा ट्वीट में
पूर्व वित्तमंत्री ने ओमप्रकाश धनखड़ को ट्वीट करते हुए लिखा है’प्रिय धनखड़ जी! वर्तमान राजनीतिक हालात के चलते मैं राज्य कार्यकारिणी की सदस्यता कबूल नहीं कर सकता हूँ। पार्टी को प्राथमिक तौर पर किसानों के मुद्दों का हल निकालना चाहिए जिसका मैंने भी लगातार समर्थन किया है। बंद कमरे में पुलिस सुरक्षा में राजनीति असंभव है।’ प्रो.सम्पत सिंह के इस ट्वीट से साफ है कि वे अब भाजपा में ज्यादा दिन तक टिकने के मूढ़ में नहीं है।
कांग्रेस से कटी टिकट तो थामा भाजपा का दामन
पूर्व वित्तमंत्री ने पिछले विधानसभा चुनावों में कांग्रेस द्वारा नलवा हलके से प्रत्याशी न बनाएं जाने से नाराज होकर कांग्रेस को अलविदा कहकर भाजपा का दामन थामा था। उस समय उम्मीद थी कि भाजपा उनको नलवा या आदमपुर से प्रत्याशी बनायेगी। लेकिन भाजपा ने दोनों जगहों से उनको चुनाव नहीं लड़वाया। इसके बाद चर्चाएं चली थी कि भाजपा पूर्व मंत्री को कोई महत्वपूर्ण जिम्मेवारी देने जा रही है। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। अब भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ने उनको केवल राज्य कार्याकारिणी का सदस्य ही बनाया है। ऐसे में उनकी नाराजगी भी सही है।


जेजेपी से नहीं बन पाई थी बात
जेजेपी विधानसभा चुनाव से पूर्व उनको पार्टी में लेना चाहती थी। प्रो. सम्पत​ सिंह भी जेजेपी में जाना चाहते थे। लेकिन समर्थकों के इंकार के कारण उन्होंने जेजेपी से दूरी बना ली। बताया जा रहा है कि पूर्व वित्तमंत्री के समर्थक दुष्यंत चौटाला को काफी जूनियर बता रहे थे। उनका तर्क था कि पार्टी का नेतृत्व डा. अजय चौटाला करते तो भी कोई बात नहीं थी, लेकिन दुष्यंत चौटाला के नेतृत्व में पार्टी को ज्वाइन करना अपनी सीनियरटी को समाप्त करने जैसा है।
इनेलो में हो सकती है इंट्री
पूर्व वित्तमंत्री की राजनीति इंट्री चौ.देवीलाल से हुई थी। अतीत में,उनकी पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला से भी अच्छी बनती रही है। ऐसे में अब चौटाला जेल से बाहर आ चुके हैं। उनके सामने पार्टी को मजबूत करने की चुनौती है। बढ़ती उम्र और कार्यकर्ताओं की कमी से जुझ रही इनेलो को एकबार फिर शीर्ष पर ले जाने के लिए ओमप्रकाश चौटाला पूर्व वित्तमंत्री से बात करके इनेलो में ला सकते हैं। चर्चाएं है कि इस बारे में जल्द ही बातचीत का सिलसिला भी आरंभ हो सकता है।
भाजपा के बाद 2 विकल्प
पूर्व वित्तमंत्री यदि भाजपा को अलविदा कहते है तो उनके पास इनेलो और आम आदमी पार्टी के रुप 2 बड़े विकल्प हो सकते हैं। इनेलो के पास जाने पर जाट नेताओं और समर्थकों का साथ मिल सकता है और वे नलवा सहित प्रदेश की किसी भी जाट बहुल्य सीट से चुनाव जीत सकते हैं। यहां वे अपने बेटे गौरव सम्पत सिंह को भी स्थापित कर सकते हैं। वहीं आम आदमी पार्टी में जाने पर उनकी जीत तो सुनिश्चित नहीं होती लेकिन वे प्रदेश स्तर की राजनीति में एकछत्र छा सकते हैं। क्योंकि आम आदमी पार्टी के पास अभी तक प्रदेश स्तर पर पकड़ रखने वाला कोई दमदार नेता नहीं है।
निर्दलीय में भविष्य
पूर्व वित्तमंत्री यदि सभी पार्टीयों से अलग अपना भविष्य बनाने के बारे में सोचे तो उनको किसान आंदोलन में खुलकर सामने आना होगा। यदि वे खुलकर किसानों के मंच से बोलने लगे तो उनका निर्दलीय भविष्य भी प्रबल हो सकता है। इसके लिए उनको किसानों के साथ योगेंद्र यादव की तरह लगना होगा। बता दें, हांसी बेल्ट के किसान इन दिनों में आंदोलन में काफी सक्रिय है। यदि प्रो.सम्पत सिंह किसानों के साथ दिन—रात एक कर देते है तो हांसी विधानसभा उनके खाते में जाने से फिर कोई नहीं रोक पायेगा।

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