जीवनशैली विचार

वर्क फ्रॉम होम, एक बदलाव

कोविड-19 महामारी के दौरान लॉकडाउन एवं कफ्र्यू इत्यादि की सरकारी पाबंदियों के कारण सरकार एवं प्राइवेट सेक्टर की कंपनियों द्वारा अपने अपने कार्यालय को शत-प्रतिशत हाजिरी के साथ खुला न रख पाने एवं सरकारी कार्य को सुचारू रूप से चलाने के लिए, अनेक प्रयासों के साथ वर्क फ्रॉम होम प्रणाली को लागू किया गया। इस सिस्टम में प्राइवेट सेक्टर या सरकारी नौकरी में जो कर्मचारी/अधिकारी घर से कार्य करें, उसे वर्क फ्रॉम होम कहा जाता है। इसमें टेक्नोलॉजी के माध्यम से (ऑनलाइन) या फाइलें घर पर मंगवा कर उनका समयबद्ध निपटान किया जाता है। इस कार्य के लिए घर पर जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर का होना आवश्यक है। इसमें कर्मचारी/अधिकारी को कार्यालय में प्रतिदिन न जाकर जरूरत के हिसाब से कार्यालय में जाना होता है। घर से कार्य करना नया नहीं है, परंतु इससे पूर्व सरकार एवं प्राइवेट सेक्टर दोनों द्वारा इस प्रणाली को ज्यादा प्रयोग में नहीं लाया गया और ना ही प्रत्येक स्तर पर इसका उपयोग किया गया जिसके कारण इस पद्धति का प्रचार नहीं हुआ। अन्यथा सर्व विदित है कि जिला स्तरीय प्रशासकीय एवं बड़े अधिकारी, मंत्री गण मुख्यमंत्री महोदय एवं माननीय प्रधानमंत्री एवं अन्य उच्च पदों पर आसीन माननीयों द्वारा इस प्रणाली का पहले से ही प्रयोग किया जा रहा है। वह अपनी ड्यूटी से संबंधित कार्य निपटाने के लिए घर एवं कार्यालय दोनों का बराबर उपयोग करते हैं। कोविड-19 की बंदिशों के दौरान सरकार एवं प्राइवेट सेक्टर की कंपनियों द्वारा अपने-अपने कार्यालयों में स्टाफ की उपस्थिति कम रखने के लिए इस प्रणाली का प्रयोग करके अपने कार्यालयों को सुचारू रूप से चलाया। कंपनियों द्वारा अपने कारोबार को बचाने के साथ-साथ अपने कर्मचारियों को घर से कार्य करने की अनुमति देकर लाखों लोगों को बेरोजगार होने से बचाया तथा कंपनियों द्वारा अपने काफी कार्यालयों को बंद करके उनके रखरखाव एवं किराया भाड़ा इत्यादि से करोड़ों रुपए भी बचाए। जो अब भी जारी है। ऐसा होने से सरकारी कार्य भी निर्बाध गति से जारी रहे। वर्क फ्रॉम होम एक स्वस्थ प्रणाली प्रतीत होती है, जिसका प्रयोग जरूरत अनुसार एवं जरूरतमंद कर्मचारियों को जैसे, विकलांग, गर्भवती महिलाएं, क्रॉनिक डिजीज से पीडि़त अधिकारी कर्मचारी एवं अन्य जरूरतमंद स्टाफ को इसकी अनुमति देकर हमेशा ऐसा किया जा सकता है। घर से कार्य करने पर कार्य करने वाले को सरकारी सुविधाओं के अतिरिक्त घरेलू सुविधाएं भी मिलती हैं, घर का माहौल दिल को सुकून देता है, जिसके कारण कार्यकुशलता बढऩे की संभावना रहती है। जैसा कि देश में सरकार सबसे बड़ी नियोक्ता है। अत: नए नियम कानून के साथ सरकार द्वारा इस पद्धति पर विचार किया जा सकता है। क्योंकि समय परिवर्तन के साथ वर्तमान में हाजिरी का महत्व न होकर समयबद्ध कार्य निपटाया जाना महत्वपूर्ण है।

पुष्कर दत्त, हिसार
मो. 9416338524

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