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नरसिम्हा राव जयंती : चौ.भजनलाल को राव का साथ देना पड़ा भारी

जीवन आधार विशेष
पूर्व प्रधानमंत्री पी वी नरसिम्हा राव के जन्म के 100 साल पूरा होने के मौके पर कांग्रेस कार्यक्रम आयोजित कर रही है। दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने नरसिम्हा राव की तारीफ की और कहा कि कांग्रेस उनकी ‘उपलब्धियों और योगदान’ पर गर्व महसूस करती है।

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि जब नरसिम्हा राव देश के प्रधानमंत्री बने उस वक्त देश गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहा था, और उनकी बोल्ड लीडरशिप की वजह से देश इन कई चुनौतियों से पार पाने में सफल हुआ।

लेकिन यहां आपको बता दें कि हरियाणा के पूर्व सीएम चौ.भजनलाल ने कांग्रेसी होने के नाते पूर्व प्रधानमंत्री पी वी नरसिम्हा राव का काफी साथ दिया। अल्पमत नरसिम्हा राव सरकार को लोकसभा में जब बहुमत साबित करने की चुनौती विपक्ष ने दी तो चौ.भजनलाल ने आगे आकर चुनौती को स्वीकार किया और पूर्व प्रधानमंत्री पी वी नरसिम्हा राव की सरकार को बचाया।

चौ. भजनलाल ने सच्चे कांग्रेसी होने के चलते ऐसा किया लेकिन ये बात गांधी परिवार और उनके सिपाहसलारों को काफी चुभी। यह बात चौ.भजनलाल के गृहक्षेत्र आदमपुर में आज भी उनके करिबियों की जुबां पर मिल जाती है। उस समय गांधी परिवार और उनके सिपाहसलार मौन रहे और मन ही मन चौ.भजनलाल पर जलने लगे।

2005 में हरियाणा विधानसभा का चुनाव कांग्रेस के लिए काफी अह्म था। गांधी परिवार को पता था कि हरियाणा में उस समय सत्ता केवल और केवल चौ.भजनलाल के दम पर लाई जा सकती है। गांधी परिवार ने हरियाणा चुनाव की पूरी जिम्मेवारी चौ.भजनालाल पर डाल दी। कांग्रेस ने उनके नेतृत्व में चुनाव लड़कर सत्ता में वापिसी भी की। लेकिन गांधी परिवार ने बहुमत मिलते ही चौ.भजनलाल के स्थान पर भूपेंद्र सिंह हुड्डा को सीएम बना दिया। माना जाता है कि यह गांधी परिवार और उनके सिपाहसलारों ने पूर्व प्रधानमंत्री पी वी नरसिम्हा राव का साथ देने की एवज में बदला लेने के लिए किया था।

बता दें कि पीवी नरसिम्हा राव 21 जून 1991 से 16 मई 1996 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे। नरसिम्हा राव के दौर में ही भारत में आर्थिक उदारवाद के रास्ते खुले। गांधी परिवार से नरसिम्हा राव के रिश्ते अच्छे नहीं बताए जाते हैं। नरसिम्हा राव प्रधानमंत्री तब बने थे, जब राजीव गांधी का निधन हो चुका था। बताया जाता है कि नरसिम्हा राव के काल में गांधी परिवार से उनके रिश्ते कड़वाहट भरे रहे।

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