राजस्थान

नौकरी का विज्ञापन देकर 3 हजार बेरोजगारों से हड़प लिए 80 लाख रुपए

मृत चाचा के नाम से बात करते थे ठग, उसी के नाम पर खुलवा लिया बैंक खाता

जयपुर,
बेराेजगार युवकों को बड़ी-बड़ी नौकरी के सपने दिखाकर ठगा जा रहा है। जयपुर पुलिस ने ऐसे ही दो शातिर ठगों को गिरफ्तार किया है। ये जयपुर में 3 हजार से ज्यादा युवकों से 80 लाख की ठगी कर चुके हैं। नौकरी के विज्ञापन देकर युवकों को झांसे में लेते थे। इसके बाद उनसे लाखों रुपए हड़प लेते थे। हैरानी की बात तो ये है कि दोनों ठगों ने मर चुके अपने चाचा के नाम से बैंक में खाता खुलवा रखा था। चाचा के नाम से ऐड देकर ठगी करते थे। फोन पर भी चाचा के नाम से ही बात करते थे। फिलहाल पुलिस दोनों ठगों से शहर में हुई वारदात को लेकर पूछताछ कर रही है।

डीसीपी ईस्ट प्रहलाद सिंह कृष्णियां ने बताया कि पुलिस ने जयपुर शहर में बेरोजगार युवकों से ठगी करने वाले दिलीप शर्मा (42) उर्फ नरेश शर्मा पुत्र रामकरण निवासी नटाटा आंधी, जयपुर व विजेंद्र कुमार (38) उर्फ विजय कुमार पुत्र घनश्याम शर्मा निवासी जमवारामगढ़, आंधी, जयपुर को गिरफ्तार किया है। दोनों ऐसे ही एक मामले में पहले खुद ठगे गए थे। इसके बाद ठगी करने का प्लान बनाया। दिलीप जयपुर के रामगंज में नाम बदल कर रहता है। विजेंद्र भी बदनपुरा गलतागेट में नाम बदल कर रहता है। उन्होंने बताया कि रिपोर्ट मिलने पर पुलिस ने बैंक खाते खंगाले। दोनों के मोबाइल नंबर की सीडीआर (कॉल डाटा रिकॉर्ड) खंगाली गई। पुलिस ने बैंक के ATM से बार-बार रुपए निकाले जाने पर फुटेज से पहचान की। लोकेशन और फुटेज के आधार पर दोनों को पुलिस ने दबोच लिया।

खोह नागोरियान थाने में 14 जुलाई को एक मुकदमा दर्ज हुआ था। इसमें युवक ने बताया कि एक अखबार में 23 अक्टूबर को नौकरी का विज्ञापन छपा था। उसमें दिए नंबरों पर उसने संपर्क किया। युवक ने अपना नाम कालूराम शर्मा बताया था। उसने नौकरी के बड़े-बड़े सपने दिखाए। मल्टीनेशनल कंपनी में प्रोफेशनल लड़कियों के साथ जॉब करने का झांसा दिया। बातों में उलझाकर नई-नई कहानी बनाकर फीस के नाम से 90 हजार रुपए खाते में डलवा लिए। पीड़ित को जॉब नहीं मिली तो फोन किया। इस पर आरोपी उसे धमकी देने लगा। महिलाओं के नाम से ब्लैकमेल कर जेल भिजवाने की धमकी दी। तब परेशान होकर उसने मुकदमा दर्ज कराया।

दोनों ने बैंक में कालूराम शर्मा के नाम से खाता खुलवाया था। हकीकत यह है कि कालूराम की काफी पहले मौत हो चुकी है। दोनों ने मृतक कालूराम के पहचान पत्रों में छेड़छाड़ कर आईडी बना ली थी। इसके बाद दोनों ने अलग-अलग बैंकों में खाता खुलवा लिया था। दोनों फोन पर कालूराम शर्मा बनकर ही बात करते थे और खातों में रुपए डलवाते थे। पुलिस ने बैंक खातों की डिटेल ली। बैंक में दिए एड्रेस पर पुलिस पहुंची तो कालूराम के मरने का पता लगा। इसके बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी। दोनों के लेनदेन पर नजर रखी गई। मोबाइल की लोकेशन निकाली गई। फिर पूरे मामले से पर्दा उठ गया।

पुलिस को जांच में पता लगा कि दोनों भी पहले ऐसे ही ठगे जा चुके हैं। दोनों ने पहले एक अखबार में नौकरी का विज्ञापन देखा था। 20 से 30 हजार कमाने का झांसा दिया गया था। दोनों ने नौकरी लगने के लिए संपर्क किया। 1850 रुपए रजिस्ट्रेशन के नाम से ले लिए। बाद में उन्होंने फोन भी उठाने बंद कर दिए। तब दोनों ने मिलकर मास्टर प्लान बनाया। इसके बाद खुद ने इसी पैटर्न पर ठगी करनी शुरू कर दी। पकड़े जाने के बचने के लिए दोनों ने मृतक चाचा के नाम से खाता खुलवा लिया था।

ये पहले अखबार में काजल क्लब के नाम से बेरोजगार संपर्क करें का विज्ञापन देते हैं। इसमें ये ट्रेंड व अनट्रेंड युवक- युवतियों को हाईप्रोफाइल फीमेल के साथ काम कर 20 से 30 हजार रुपए कमाने का लालच देते हैं। अखबार में नौकरी का ऐड छपने के बाद कॉल आने पर ये अपना नाम कालूराम शर्मा बताते हैं। युवकों को बड़े-बड़े सपने दिखाकर फीस के नाम पर रुपए ले लेते हैं।

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