अटल किसान मजदूर कैंटीन में शुक्रवार को नियमों के विरुद्ध भाजपा के कार्यकर्ताओं ने खाया सस्ता खाना
आदमपुर,
भाजपा के मंडल आदमपुर की कार्यकारिणी की एक बैठक किसान रेस्ट हाउस में आयोजित की गई। बैठक में 4 दर्जन के आसपास कार्यकर्ता व नेताओं ने हिस्सा लिया लेकिन इस बैठक का खमियाजा आदमपुर के मजदूरों को उठाना पड़ा।
जी हां, बिहार से आए अप्रवासी मजदूर कमल बिहारी ने बताया कि वे अपने दोस्तों के साथ अनाज मंडी में मजदूरी करते हैं। किसान रेस्ट हाउस में ही सरकार ने किसान व मजदूरों को सस्ती दर पर श्रेष्ठ खाना खिलाने के लिए अटल किसान मजदूर कैंटीन बना रखी है। इस कैंटीन पर दोपहर के समय भाजपा नेता व कार्यकर्ताओं आकर खाना खाने बैठ गए। इन लोगों ने नियमानुसार न तो लाइन में लगकर कूपन लिए और न ही स्वयं लाइन में लगकर खाना लिया।
पार्टी के कार्यकर्ता पहले ही एक साथ थोक में कूपन लेकर कुर्सियों पर बैठ गए और इनके ही कार्यकर्ता अंदर से लाकर खाना परोसते रहे। इनके कारण मजदूरों को खाने के लिए करीब एक से डेढ़ घंटे तक इंतजार करना पड़ा। भाजपा के अधिकतर कार्यकर्ताओं ने जब खाना खा लिया, उसके बाद उन्हें खाना दिया गया। इससे उनके आधे दिन की दहाड़ी खराब हो गई। खाने पर लेट हो जाने पर व्यापारियों ने दूसरे मजदूरों से काम करवा लिया।
मजदूर कमल बिहारी का कहना है कि कैंटीन के नियमानुसार एक आदमी को 2 कूपन नहीं दिए जाते। जिसे भोजन खाना है वह लाइन में लग कर कूपन ले और फिर अपना खाना लेकर बैंच पर कोविड नियमानुसार लगे निशान पर बैठकर खाना खाएं। लेकिन आज भाजपा कार्यकर्ताओं के लिए सारे नियम बदल दिए गए। भाजपा कार्यकर्ताओं को कुर्सियों पर बैठे—बैठे खाना परोसा गया। कूपन भी एक साथ जारी कर दिए गए। सरकार ने अटल किसान मजदूर कैंटीन किसान व मजदूरों के खोली है, इसमें 10 रुपए किसान—मजदूर देते हैं बाकि 15 रुपए सरकार देती है लेकिन शुक्रवार को भाजपा नेताओं ने आदमपुर में इस सब्सिडी के खाना को गलत तरीके से अपने कार्यकार्ताओं को परोसने का काम किया है। यदि ऐसे कैंटीन पर थोक में खाना दिया जाने लगा तो लोग कैंटीन में पार्टीयों का आयोजन करेंगे और मजदूर—किसानों का भोजन डकारते रहेंगे।
बता दें, अक्टूबर 2020 में आदमपुर में हरियाणा कृषि विपणन बोर्ड द्वारा किसान विश्राम गृह में अटल किसान-मजदूर कैंटीन खोली गई थी। उसका शुभारंभ उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने किया था। उस समय उन्होंने नियमानुसार लाइन में लगकर टोकन लिया था। इसी प्रकार मुख्यमंत्री मनोहर लाल भी कैंटीन में लाइन में लगकर भोजन लेते दिखाई दिए थे।
इस बारे में भाजपा जिला उपाध्यक्ष कृष्ण बिश्नोई से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मामला उनके संज्ञान में नहीं आया। फिर भी आगे से इस बात का पूरा ध्यान रखा जायेगा कि मजूदर—किसानों को किसी भी प्रकार की परेशानी ना उठानी पड़े। हो सकता है कुछ नेताओं ने भोजन की क्वालिटी जांच के लिए कैंटीन में भोजन होगा। आगे से क्वालिटी जांच के समय भी संख्या पर विशेष ध्यान दिया जायेगा।