पड़ोसियों के झगड़े को बना दिया ‘धर्म’ का झगड़ा
कानपुर,
वरुण विहार में भीड़ धर्म के नाम पर एक बेकसूर आदमी को पीट रही है..पीड़ित आदमी की मासूम बेटी भीड़ से अपने पिता को छोड़ने की गुहार लगा रही है—लेकिन भीड़ के कानों में उस मासूम का रुदन नहीं पहुंच पा रहा..भीड़ उस मासूम की अर्ज नहीं सुन पा रही..क्या हो रहा है आज हिंदूस्तान को..धर्मनिरपेक्ष हिंदूस्तान को।
हिंदू धर्म प्रेम, दया और करुणा का स्वरुप है..हिंदू धर्म न्यायप्रिय है..फिर कहां गया आज प्रेम, दया और करुणामयी हृदय..कहां गई न्याय करने वाली विस्तृत सोच और बुद्धि। दरअसल, ये तस्वीरें वरुण विहार की है। यहां पर पड़ोसियों के विवाद को धर्म से जोड़ दिया गया।
कुरैशा बेगम व रानी के बीच घर के दरवाजे पर बाइक लगने से विवाद आरंभ हुआ। इसके बाद 12 जुलाई कुरैशा ने रानी और उसके पति के खिलाफ थाने में रिपोर्ट दी। फिर 31 जुलाई को रानी ने कुरैशा बेगम के 3 लड़कों पर छेड़छाड़ का आरोप लगाया। पुलिस ने दोनों पक्षों की शिकायत लेकर कोई कार्रवाई नहीं की।
थानाक्षेत्र बर्रा अन्तर्गत राम गोपाल चौराहे के पास कच्ची बस्ती में मार-पीट की घटना के वायरल वीडियो व कार्यवाही के सम्बन्ध में पुलिस उपायुक्त,दक्षिण द्वारा दी गयी बाईट। pic.twitter.com/gxE0sawOFX
— POLICE COMMISSIONERATE KANPUR NAGAR (@kanpurnagarpol) August 11, 2021
बाद में इसे धर्म से जोड़कर रानी ने प्रस्तुत किया। रानी ने आरोप लगाया कि उसकी पड़ोसन कुरैशा बेगम उस पर 20 हजार रुपए में धर्म को छोड़ने के लिए दवाब बना रही है। वहीं कुरैशा बेगम का कहना है कि पूरा विवाद बाइक की टक्कर का है। इसे बिना कारण सांप्रदायिक रुप दिया जा रहा है।
यहां जो तथ्य सामने आ रहा है..वो ये है कि भीड़ केवल रानी की बात सुनकर अफसार को पीट रही है। जबकि अफसार का रानी और कुरैसा बेगम के झगड़े से कोई लेना—देना ही नहीं है। रिक्शा चालक अफसार का कसूर इतना ही है कि वह कुरैसा बेगम का देवर है। भीड़ को
कुरैशा बेगम के बेटे नहीं मिले तो देवर अफसार को मारना—पीटना आरंभ कर दिया। ये हिंदू धर्म नहीं है और ना ही ये हिंदूत्व है..ये केवल और केवल गुंडागर्दी है। धर्म के नाम पर युवाओं को पथभ्रष्ट करके हिंदूस्तान को कमजोर करने का प्रयास भर है।