हिसार

छह घंटे के आप्रेशन के बाद बचायी 12 साल के नवीन की जान

हिसार,
मिल गेट हिसार निवासी 12 वर्षीय नवीन को आम जनता की सजगता, तत्परता और चिकित्सक की मेहनत के कारण नया जीवन मिला है। नवीन जन्माष्टमी के दिन एक दुर्घटना का शिकार हो गया था, जिसमें एक सरिया उसके गले से होते हुए उसकी आंख के नीचे से आरपार हो गया था। इस सरिये ने गले में खून की मुख्य नस और जबड़े को बुरी तरीके से नुक्सान पहुंचाया था, जिसके कारण उसे अस्पताल में लाने के बाद खून का फव्वारा छूट गया।
काफी खून बहने के कारण उसकी हालत खराब हो रही थी और ब्लड प्रेशर निम्न बिन्दू की तरफ बढ़ रहा था। ऐसे में जिंदल अस्पताल के प्लास्टिक सर्जन डा. विशाल मोहन गोयल ने एनेस्थिया स्पेशलिस्ट डा. वरुण गुप्ता के साथ मिलकर छह घंटे आप्रेशन किया और नवीन की जान बचा ली। अस्पताल में कई दिनों के इलाज के बाद शनिवार को उसे छुट्टी दे दी गयी। चाय की रेहड़ी लगाने वाले नवीन के पिता मिलगेट निवासी मनोज कुमार ने बताया कि उनका बेटा अपने दोस्तों के साथ सेक्टर 1-4 स्थित एक पार्क में चल रहा कार्यक्रम देखने गया था। बचपने के कारण वो झाडिय़ां फांद कर अंदर जाने लगे तो नवीन वहां लगी रेलिंग के ऊपर गिर गया और उस रेलिंग का सरिया उसके गले को चीरते हुए मुंह के रास्ते होते हुए आंख के नीचे से बाहर निकल गया। उन्हें तो अपने बेटे के घायल होने की जानकारी ही नहीं थी। दुर्घटना होने के बाद उन्हें इसकी जानकारी मिली। उन्होंने बताया कि दुर्घटना होने पर वहां मौजूद एक वरिष्ठ व्यक्ति ने समझदारी दिखाते हुए बड़े आराम से बेटे के मुंह से और गले से सरिया बाहर निकाला। तुरंत एक कार चालक को रोककर नवीन को जिंदल अस्पताल ले जाया गया।
जिंदल अस्पताल के प्लास्टिक सर्जन डा. विशाल मोहन ने बताया कि घायल बच्चे की सूचना मिलने पर जब वो अस्पताल पहुंचे तो बच्चे की हालत काफी खराब थी। जब बच्चे की वो जांच कर रहे थे तो अचानक नवीन के मुंह से खून का फव्वारा छूट गया और स्ट्रेचर, उनके शरीर और फर्श पर खून ही खून फैल गया। देखते ही देखते नवीन का दो-तीन युनिट खून बह गया। इससे एक बार तो उनके शरीर में भी सिहरन दौड़ गयी, वह स्थिति काफी गंभीर हो गयी थी। नवीन के मुंह में जबड़े की टूटी हुई हड्डियां उसे नुक्कसान पहुंचा रही थी। बिना किसी देर के उन्होंने नवीन के गले में हाथ डालकर खून की नस को दबाकर खून रोकने का प्रयास किया और उसे आप्रेशन थियेटर में लेजाकर डा. वरुण गुप्ता ने बेहोशी का इंजेक्शन दिया। इसके बाद छह घंटे तक चले आप्रेशन में नवीन के टूटे हुए जबड़े को प्लेट लगाकर रिपेयर किया गया और उसकी कट चुकी नसों को जोड़ा गया। आप्रेशन सफल रहा और नवीन की जान बच गयी। डा. विशाल ने बताया कि अब आप्रेशन के बाद नवीन की हालत में काफी सुधार हुआ है और उसे छुट्टी दे दी गयी है। उन्होंने कहा कि नवीन के मामले में जनता की तत्परता के कारण नवीन की जान बच गयी। अगर नवीन को अस्पताल पहुंचने में देर हो जाती तो उसका बचना मुश्किल था।

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