हिसार,
हिसार डिपो के कामचोर कर्मचारियों के सरगना अब विभाग मुख्यालय से जारी आदेशों पर ही सवालिया निशान लगाने से पीछे नहीं हट रहे हैं, जिससे उसकी मानसिकता का पता चलता है। ऐसे कर्मचारी व सरगना कभी भी कर्मचारियों या विभाग का भला नहीं कर सकते।
यह बात हरियाणा कर्मचारी महासंघ से संबंधित रोडवेज कर्मचारी यूनियन हरियाणा के पूर्व जिला प्रधान राजपाल नैन ने एक बयान में कही। उन्होंने बताया कि 14 अक्टूबर को परिवहन विभाग के महानिदेशक ने प्रदेश के सभी डिपो महाप्रबंधकों को पत्र जारी कर आदेश दिए थे कि उनके आधीन कार्यरत हर कर्मचारी से उसके पद अनुसार कार्य लिया जाए और इसमें सीनियर जूनियर कर्मचारी के पद की गरिमा का ख्याल रखा जाए। मुख्यालय द्वारा यह आदेश डिपो के कुछ से कामचोर व चापलूस कर्मचारियों को रास नहीं आ रहे हैं, जिनको विभाग में भर्ती हुए ही मुश्किल से तीन-चार वर्ष हुए हैं और उन्होने शायद ही सर्विस के दौरान कभी रूट पर बस चलाई हो या बस में टिकट काटने की ड्यूटी की हो।
पूर्व जिला प्रधान ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि इस तरह के कर्मचारी शायद नियम व संविधान में विश्वास नहीं रखते या फिर उन्हें नियमों का ज्ञान नहीं है। उन्होंने कहा कि नियम व संविधान इस बात को मानता है कि किसी भी व्यक्ति की गरिमा को ठेस ना पहुंचाई जाए। उन्होंने कहा कि एक तरफ तो विभागीय अध्यक्ष कर्मचारियों के पद की गरिमा बनाए रखना सुनिश्चित करने के लिए आदेश कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर कर्मचारी के कानूनी अधिकारों को तानाशाही रूप से प्रशासन चलाने की नीति का समर्थन करके अपनी नीयत व नीति को दर्शा रहा है ताकि अधिकारी चापलूस व कामचोर कर्मचारियों का सहारा लेकर मनमर्जी से मेहनतकश व ईमानदार कर्मचारियों के हितों के साथ खिलवाड़ कर सकें। उन्होंने कहा कि ट्रेड यूनियन कोई राजनीतिक संगठन नहीं होता, अपितु कर्मचारियों के वैध अधिकार व पद की गरिमा सुनिश्चित करना ही ट्रेड यूनियन का मुख्य उद्देश्य है।
पूर्व जिला प्रधान राजपाल नैन ने कहा कि उच्च न्यायालय ने भी समय-समय पर कर्मचारी व अधिकारी के पद की गरिमा को बनाए रखने संबंधित आदेश पारित किए जाते रहे हैं। उन्होंने कहा कि सीनियर का सम्मान करना हमारी संस्कृति का भी एक हिस्सा है और समाज भी कभी इस बात की इजाजत नहीं देता कि जूनियर द्वारा सीनियर को अपमानित किया जाए। उन्होंने कहा कि समय इस बात का गवाह है कि जब जब भी संगठित रूप से कर्मचारियों के हित एवं विभाग हित में निजीकरण के विरोध करने का अवसर आया तो ऐसे तथाकथित कर्मचारी नेता ने अपने आप को व्यक्तिगत रूप से स्थापित करने तथा संघर्षरत कर्मचारियों व कर्मचारी नेताओं का उत्पीडऩ करवाने का काम किया। इसका ज्वलंत उदाहरण कुछ ही समय पहले हिसार डिपो में सभी यूनियनों ने उस समय के महाप्रबंधक के खिलाफ सामूहिक लड़ाई लड़ी और उस लड़ाई में किस यूनियन के नेता की क्या भूमिका थी यह सर्वविदित है। इसलिए सभी कर्मचारियों के हितों और उनके अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित होना सबसे अहम मुद्दा है, जिसको लेकर रोडवेज कर्मचारी यूनियन ने सदैव संघर्ष किया है और आगे भी संघर्ष किया जाएगा।