हिसार

आंगनवाड़ी महिलाएं करेंगी निजीकरण व ठेका प्रथा का पुरजोर विरोध

हरियाणा दिवस को काला दिवस के रूप में मनाएगी आंगनवाड़ी महिलाएं

हिसार,
आंगनवाड़ी केन्द्रों को प्लेवे स्कूलों के नाम पर एनजीओ के अधीन करने व वर्ष 2018 में किया समझौता लागू करवाने की मांग पर आंदोलनरत आंगनवाड़ी वर्कर व हेल्पर यूनियन ने सरकार की संवेदनहीनता के खिलाफ एक नवम्बर को काला दिवस मनाने का ऐलान किया है। यूनियन ने कहा कि लगभग एक माह के आंदोलन के बाद भी सरकार उनकी मांगों को अनसुना कर रही है, जो निंदनीय है।
यूनियन की ओर से लघु सचिवालय के समक्ष दिया जा रहा धरना आज 30वें दिन भी जारी रहा। धरने की अध्यक्षता राजबाला सहारण ने की जबकि कविता राजली ने संचालन किया। धरने की अध्यक्षता करते हुए राजबाला सहारण ने कहा कि एक नवम्बर को हरियाणा दिवस है जिसे उत्साह से मनाया जाना चाहिए लेकिन हरियाणा सरकार ने कर्मचरियों, किसानों, मजदूरों सहित हर तबके को आंदोलन के लिए विवश करके सडक़ों पर बैठा रखा है। ऐसे में जब कोई दिवस मनाने का औचित्य ही सरकार ने नहीं छोड़ा तो फिर हरियाणा दिवस कैसे मनाया जाए। उन्होंने कहा कि यदि सरकार ने शीघ्र ही मांगे नहीं मानी तो एक नवम्बर को काला दिवस मनाया जाएगा और सरकार के खिलाफ विरोध जताया जाएगा।
धरने के दौरान आंगनवाड़ी महिलाओं ने सरकार व विभाग की मंत्री कमलेश ढांडा के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार एक-एक करके हर विभाग को निजी हाथों में सौंप रही है, जो निंदनीय है। इससे रोजगार के अवसर समाप्त हो जाएंगे और बेरोजगारों का शोषण होगा। उन्होंने कहा कि सरकार की निजीकरण व ठेका प्रथा के खिलाफ आंगनवाड़ी महिलाएं पुरजोर आंदोलन चलाएगी। इस दौरान जिले के विभिन्न गांवों से आई सैंकड़ों महिलाओं ने धरने में हिस्सा लिया और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

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Jeewan Aadhar Editor Desk