हिसार,
हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के पूर्व वैज्ञानिक डॉक्टर भरपूर सिंह दौलता का निधन हो गया है। वे काफी समय से बीमार चल रहे थे।
डॉक्टर दौलता का जन्म 9 मई 1938 को जिला झज्जर के गांव चिमनी में हुआ था। भारतीय जल सेना में कमीशन प्राप्त करने के बाद उन्होंने 1971 मे पाकिस्तान के साथ हुए युद्ध मे हिस्सा लिया। इसके बाद उन्होंने हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के बागवानी विभाग में वर्ष 1974 में बागवानी विशेषज्ञ के रूप में ज्वाइन किया और 36 साल तक विभाग में बतौर वैज्ञानिक व अध्यक्ष के रूप अपनी सेवाएं दी। सेवाकाल काल के दौरान उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में तीन महीने के अंतरराष्ट्रीय कोर्स में हिस्सा लिया और दो साल तक इथोपिया में भी अपनी सेवाएं दी।
डॉक्टर दौलता एक प्रसिद्ध बागवानी वैज्ञानिक थे। उनका अमरूद की संकर किस्मों हिसार सफेदा व हिसार सुरखा के विकास में प्रमुख योगदान रहा। अंगूर की खेती को हिसार के आसपास के क्षेत्रों में लोकप्रिय बनाने में भी उनका विशेष योगदान रहा है। वह अपने पीछे भरा पूरा परिवार छोड़ गए हैं। पत्नी के अलावा उनके दो पुत्र और दो पुत्रियां हैं। एक पुत्र भारतीय सेना में कार्यरत है और उनकी एक पुत्री डॉ. मीना हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के रोहतक स्थित क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र व कृषि विज्ञान केंद्र की निदेशक हैं। बागवानी क्षेत्र में उनकी कमी हमेशा खलती रहेगी।