हिसार

पुस्तकालयों का किसी भी संस्थान, समाज व राष्ट्र के उत्थान में अहम योगदान : कुलपति

हिसार,
गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार के कुलपति प्रो. बलदेव राज कम्बोज ने कहा है कि पुस्तकालयों का किसी भी संस्थान, समाज व राष्ट्र के उत्थान में अहम योगदान है। श्रेष्ठ पुस्तकालय गौरवशाली धरोहर होते हैं। हर संस्थान में एक समृद्ध पुस्तकालय होना चाहिए और उन्हें खुशी है कि गुजविप्रौवि में एक समृद्ध पुस्तकालय है।
प्रो. काम्बोज विश्वविद्यालय के डा. भीमराव अंबेडकर पुस्तकालय के सौजन्य से अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद द्वारा प्रायोजित पुस्तकालयाध्यक्षों के लिए एक सप्ताह के ऑनलाइन ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे। विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. अवनीश वर्मा समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। राजा राम मोहन रॉय लाइब्रेरी फाऊंडेशन, कोलकाता के डा. अजय प्रताप सिंह कार्यक्रम के मुख्य वक्ता थे। कुलपति कम्बोज ने कहा कि पुस्तकालयों के संचालन मेें पुस्तकालयाध्यक्षों तथा पुस्तकालयों से संबंधित कार्य करने वाले स्टाफ की भी अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका होती है। उन्होंने कहा कि भारत में समृद्ध पुस्तकालयों की महान परम्परा रही है। बदलते वक्त के साथ पुस्तकालयों के स्वरूप में बदलाव अवश्य आया है, लेकिन पुस्तकालयों का महत्व लगातार बढ़ रहा है। पुस्तकालयों को आधुनिक सुविधाओं और तकनीकों से सुसज्जित करना आवश्यक है।
प्रो. कम्बोज ने कहा कि पुस्तकालय किसी भी शिक्षण संस्थान की रीढ़ की हड्डी होते हैं और शोध विद्वानों के लिए तो प्राणदायिनी से कम नहीं होते। अपने शोध से संबंधित नवीनतम जानकारी पुस्तकालय से आसानी से प्राप्त की जा सकती है। आज के आधुनिक युग में सूचना के स्रोत भरपूर मात्रा में उपलब्ध होते हैं, इसलिए उनमें से सही सूचना के स्रोत का चयन भी अपने आप में एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। पुस्तकालय पेशोवरों को भी नवीन तकनीकों के बारे में जानकारी होना अति आवश्यक है। इस प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम पुस्तकालाध्यक्षों के लिए अत्यंत उपयोगी साबित होंगे।
कुलसचिव प्रो. अवनीश वर्मा ने कहा कि आज का युग सूचना का युग है। पुस्तकालय सही सूचना पाने का एक वास्तविक स्रोत है। उन्होंने कार्यक्रम के मुख्य आयोजक डा. नरेन्द्र कुमार चौहान को इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए बधाई दी। मुख्य वक्ता डा. अजय प्रताप सिंह ने कहा कि कोविड जैसी महामारी में भी पुस्तकालयों और उनके अध्यक्षों द्वारा अध्ययन सामग्री को सही समय पर प्रदान करवाया गया। इससे विद्यार्थियों और अध्यापकों के बीच में पूर्ण समन्वय बना रहा। कार्यक्रम में देशभर के सभी भागों से लगभग 150 प्रतिभागी भाग ले रहे हैं।सहायक पुस्तकालयाध्यक्ष सोमदत्त ने धन्यवाद प्रस्ताव किया।

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