हिसार

मंदबुद्धि महिलाओं के पुनर्वास में मील का पत्थर साबित हो रहा शैशवकुंज मंदबुद्धि महिला आश्रम

हिसार,
मंदबुद्धि महिलाओं के पुनर्वास में हिसार कैमरी रोड स्थित शैशवकुंज मंदबुद्धि महिला आश्रम मील का पत्थर साबित हो रहा है और काफी सराहनीय कार्य कर रहा है। ऐसे ही एक मामले में शैशवकुंज मंदबुद्धि महिला आश्रम ने दो फरवरी को आश्रम में पहुंची मंदबुद्धि महिला का इलाज करवाकर उसे घर पहुंचाया है। आश्रम में मिले इलाज और प्यार के बाद महिला की मानसिक हालत में भी सुधार हुआ है और सोमवार को आजाद नगर निवासी उसके परिजन उसे आकर घर ले गये।
शैशवकुंज मंदबुद्धि महिला आश्रम की संरक्षिका श्रीमती पंकज संधीर ने बताया कि रांची के एक गांव निवासी ममता को दो फरवरी को नारनौंद पुलिस आश्रम में छोडक़र गयी थी। तब उसकी शारीरिक व मानसिक हालत काफी खराब थी। उसे अपना नाम पता आदि मालूम नहीं था और वो ठीक से खाना भी नहीं खा पा रही थी। ऐसे में उसका इलाज सीएमसी अस्पताल की डा. अदिति पोपली से करवाया गया। साथ ही उसकी पूरी देखभाल की गयी। कुछ दिनों की दवाइयों के बाद उसकी हालत में काफी सुधार हुआ और उसे अपने परिजनों की याद आ गयी। वह रांची के पास किसी गांव की रहने वाली थी और उसकी शादी आजाद नगर में हुई थी। तब उसके परिजनों को ममता की सूचना देकर सोमवार को उसे घर भेज दिया गया।
इस मौके पर ठीक हुई महिला ममता ने बताया कि उसे याद नहीं वो कब घर से निकल गयी थी। उसे जब याददाश्त वापिस आई तो वह आश्रम में थी। यहां उसकी काफी अच्छे से देखभाल की गयी। ममता को लेने पहुंचे उसके पति बलवंत ने बताया कि 28 जनवरी को ममता घर से बिना बताये निकल गयी थी। पुलिस को भी सूचना दी गयी थी। कुछ दिनों के बाद पता लगा कि वो कैमरी रोड स्थित शैशवकुंज मंदबुद्धि महिला आश्रम में है। ममता घर छोडऩे से पहले कुछ मानसिक रूप से परेशान थी। अब यहां आकर देखा तो उसकी हालत में काफी सुधार है। इसके लिए वह शैशवकुंज मंदबुद्धि महिला आश्रम संचालकों का आभार प्रकट करते हैं।
शैशवकुंज मंदबुद्धि महिला आश्रम के प्रधान विजय भृगु ने बताया कि दो साल पहले यहां अनाथ आश्रम को बंद कर दिया गया था क्योंकि अनाथ आश्रम संचालन में प्रशासन का सहयोग नहीं मिल रहा था। ऐसे में यहां वृद्धाश्रम और मंदबुद्धि महिला आश्रम का संचालन किया जा रहा है। यहां फिलहाल 20 के करीब मंदबुद्धि महिलाएं व इतनी ही अन्य वृद्ध महिलाएं रह रही हैं। यहां से अब तक 6 मुंदबुद्धि महिलाओं को इलाज करवाकर उनके घर भेजा जा चुका है। यह आश्रम अपने आप में हरियाणा का मंदबुद्धि महिला आश्रम है जहां पर मंदबुद्धि महिलाओं के पुनर्वास के लिए काम किया जाता है और उन्हें आश्रय, भोजन व दवाइयां उपलब्ध करवाई जाती हैं।

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