बस स्टेंड की पिछली दीवार तोड़ कर बसों का आवागमन शुरू होने से विभाग और यात्रिों पर पड़ेगा अनावश्यक आर्थिक बोझ
हिसार,
जिला प्रशासन अपनी मेहनत से बचने के लिए यात्रियों और रोडवेज विभाग पर अनावश्यक बोझ डालने का प्रयास कर रहा है।
यह बात हरियाणा कर्मचारी महासंघ से संबंधित रोडवेज कर्मचारी यूनियन के राज्य प्रभारी एवं पूर्व जिला प्रधान राजपाल नैन ने एक बयान में कही। उन्होंने कहा कि यदि बस स्टेंड के पीछे गेट खुलता है और बसों का वहां से आवागमन शुरू होने पर बसों को 15 से 20 किलोमीटर की अधिक दूरी तय करनी पड़ेगी, जिसके कारण बसों में डीजल की अतिरिक्त खपत होगी, जिसका बोझ किराए के रूप में यात्रियों की जेब पर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि इस फैसले के कारण जो अतिरिक्त किलोमीटर तय होंगे वो पूरी तरह डैड होंगे। यदि इन अतिरिक्त किलोमीटरों का बोझ यात्रियों पर नहीं डाला जाएगा तो उसका सारा खर्च रोडवेज विभाग पर पड़ेगा, जो साल में करोड़ों रुपए होगा, जिसके चलते प्रदेश सरकार को रोडवेज का निजीकरण करने का एक और बहाना मिल जाएगा।
राज्य प्रभारी ने कहा कि सरकार व प्रशासन को बस स्टेंड का पीछे की ओर गेट खोलने की बजाय बस स्टेंड के सामने जाम के मूल कारणों पर गंभीरता से चिंतन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि बस स्टेंड के सामने से गुजरने वाले रोड की चौड़ाई किसी भी तरह से कम नहीं है। जाम का मूल कारण प्रशासन में इच्छा शक्ति का नहीं होना है। उन्होंने कहा कि जरूरत केवल ट्रैफिक व्यवस्था को दुरूस्त करने की, अवैध वाहनों व बिना नंबर के चल रहे ऑटो रिक्शा पर लगाम लगाने, अव्यवस्थित रेहड़ी व फेरी वालों को उचित स्थान उपलब्ध करवाने को आवश्यकता है।
राजपाल नैन ने कहा कि बिना किसी योजना के और बिना किसी सर्वे के कोई कदम उठाना ना तो विभाग हित में होगा और ना ही आम जनता के हित में। इसलिए बस स्टेंड के पीछे से रास्ता खोलने से पहले प्रशासन को प्रत्येक पहलू पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि किसी यात्री को तोशाम रोड या राजगढ़ रोड की ओर से रेलवे स्टेशन या शहर में अन्य कहीं पर अपने काम के लिए जाना है तो उसे बस स्टेंड पर आकर पुन: 20 रुपए का ऑटो किराया देकर जाना होगा, जिसके चलते उसका समय भी बर्बाद होगा और आर्थिक बोझ भी बढ़ेगा। इसके अलावा इस बात की क्या गारंटी है कि बस स्टेंड के पीछे गेट खुलने के बाद रेहड़ी व पटरी वाले तथा ऑटो वाले वहां नहीं जाएंगे तथा वहां पर किसी तरह अतिक्रमण नहीं होगा।
राजपाल नैन ने कहा कि प्रशासन बस स्टेंड के पीछे गेट खोलने से पहले इस बात पर भी विशेष ध्यान देना चाहिए कि पीछे की ओर शमशान घाट है। वहां अंतिम संस्कार के लिए शहर के लोग शव यात्रा लेकर आते हैं और वहां पर काफी संख्या में गाडिय़ां खड़ी रहती हैं, जिसके चलते वहां जाम की स्थिति बनी रहेगी। उन्होंने कहा कि सरकार जनता है, जनता के लिए है और जनता के लिए चुनी गई है। अपनी नाकामी छुपाने के लिए और हठधर्मिता को पूरा करने के लिए आम जनता पर अनावश्यक बोझ डालना किसी भी तरह से न्यायोचित नहीं है। इसलिए सरकार व प्रशासन को कोई भी फैसला लेने से पहले उसके दूरगामी परिणामों पर भी विचार करना चाहिए। राजपाल नैन ने कहा कि प्रशासन को बस स्टेंड के सामने जाम के मूल कारणों का पता लगाकर उनका समाधान करना चाहिए ताकि अनावश्यक खर्च और जनता को होने वाले नुकसान से बचा जा सके।