शिवरात्रि पर्व पर विशेष
हिसार
वर्तमान समय धरती की दशा
वर्तमान समय चारों ओर अत्याचार, भ्रष्टाचार, असत्य, हिंसा और अश्लीलता का बोलबाला है। अधर्म अपनी चरम सीमा पर है और पाप का घड़ा भर चुका है। हर मनुष्य दु:खी और अशांत है। काम, क्रोध, लोभ, मोह और अहंकार के वशीभूत मानव के कृत्यों से आज सारी धरती जल रही है। यही वह समय है जब स्वयं परमात्मा को बुराई और अधर्म का विनाश कर अच्छाई और सतधर्म की फिर से स्थापना करने हेतु इस धरती पर आना पड़ता है। सभी धर्मों का यही मानना है कि जब भी अधर्म बढ़ता है तब परमात्मा को इस धरती पर आना पड़ता है। वर्तमान समय हम युग परिवर्तन काल से गुजर रहे हैं जबकि कलियुग की समाप्ति और सतयुग का आरंभ होता है। इस पावन वेला को संगमयुग कहा जाता है।
परमात्मा इस धरा पर आ चुके हैं
यह खुशखबरी हम आपको बताना चाहते हैं कि परमपिता परमात्मा इस धरती पर अवतरित हो चुके हें। इस बात को शायद आप आसानी से न मानें परंतु यह सत्य है कि इस पुरानी पतित दुनिया को फिर से पावन बनाने के लिए स्वयं परमात्मा इस धरा पर अवतरित हो चुके हैं। सर्वशक्तिवान परमात्मा महान भारत देश के राजस्थान स्थित आबू पर्वत पर अवतरित हो चुके हैं और प्रजापिता ब्रह्मा बाबा के तन के माध्यम से गुप्त रीति से अपना अलौकिक कार्य कर रहे हैं। वे विश्व की सभी आत्माओं के परमपिता हैं। वे ज्ञान, पवित्रता, प्रेम, आनंद और शक्तियों के सागर हैं तथा जन्म-मरण के चक्र से न्यारे हैं। परमात्मा के आदेशानुसार यह शुभ संदेश जन-जन तक पहुंचाया जा रहा है।
परमात्मा क्या करने आए हैं
दुखहत्र्ता-सुखकत्र्ता परमात्मा विश्व की सभी दुखी आत्माओं को दुखों से मुक्त करने, इस पुरानी पतित कलियुगी सृष्टि को फिर से नई पावन बना कर फिर से अपने घर ब्रह्मलोक ले जाने आए हैं। परमात्मा ज्ञान के सागर हैं जो वर्तमान समय हम आत्माओं को आध्यात्मिक ज्ञान और सहज राजयोग की शिक्षा दे रहे हैं। सहज राजयोग एक ऐसी ध्यान साधना है जिससे आत्मा के सभी पाप समाप्त हो जाते हैं और वह फिर से सतोप्रधान बन जाती है। इस योग का अभ्यास कोई भी मनुष्य बड़ी आसानी से कर सकता है।
पुरानी कलियुगी दुनिया का विनाश
परमात्मा के अनुसार निकट भविष्य (कुछ वर्षों में)इस पुरानी कलियुगी दुनिया का विनाश होने वाला है। प्रकृति के पांचों तत्व अपना विकराल रूप दिखाएंगे। भयंकर बाढ़ भूकंप, तूफान, अकाल आदि प्राकृतिक आपदाओं के कारण लाखों लोग एक साथ काल के मुंह में जाएंगे। भारत में विशेष गृहयुद्ध के कारण खून की नदियां बहेंगी। वर्तमान समय विश्व के हालात बिगड़ते जा रहे हैं। प्राकृतिक आपदाएं बढ़ती जा रही हैं और कई देशों में युद्ध की स्थिति बनती जा रही है।
नई सतयुगी सृष्टि की स्थापना
परमात्मा बता रहे हैं कि कलियुग की समाप्ति के बाद फिर से सतयुग आरंभ होगा अर्थात आने वाले महाविनाश के बाद फिर से नई स्वर्णिम सृष्टि की स्थापना होगी जहां एक धर्म, एक राज्य और एक भाषा होगी। हर मनुष्य पवित्र और श्रेष्ठाचारी देवी-देवता होगा। सौ प्रतिशत सुख, शांति होगी। प्रकृति भी सतोप्रधान और सुखदाई होगी। शेर और गाय एक घाट पर पानी पीयेंगे। उस समय को हम स्वर्ग, हैविन, बैकुण्ठ, खुदा का बगीचा, पैराडाइज आदि अनेक नामों से जानते हैं। उस स्वर्णिम युग में श्री लक्ष्मी और श्री नारायण का राज्य होगा। उस युग में केवल वे ही मनुष्य जा पाएंगे जो वर्तमान समय परमात्मा द्वारा बताई गई श्रीमत पर चलेंगे।
आप भी परमात्मा से मिल सकते हैं
जिस परमात्मा को पाने के लिए आपने इतनी भक्ति की, जप-तीर्थ किए, व्रत-उपवास किए, अब जबकि वह स्वयं धरती पर आया हुआ है तो आप भी उनसे मिलन मना सकते हैं और जीवन को सुख, शांति, आनंद से भर सकते हैं। कोटों में कोई और कोई में भी कोई मनुष्यात्मा ही साधारण तन में आए हुए परमात्मा को पहचान पाती हैं। आप भी उन कुछेक भाग्यशाली आत्माओं में से एक हो सकते हैं। परमात्मा से मिलन मनाने तथा आने वाली सतयुगी दुनिया में देवी-देवता पद पाने के लिए निकटवर्ती ब्रह्माकुमारी सेवाकेंद्र पर जाकर आध्यात्मिक ज्ञान और राजयोग की पढ़ाई पढ़ सकते हैं तथा वर्तमान और भविष्य को श्रेष्ठ बना सकते हैं।
अभी नहीं तो कभी नहीं
समय बहुत तीव्र गति से आगे जा रहा है। कोई भी श्वास आपका अंतिम श्वास हो सकता है। यदि यह अमूल्य समय आपने गंवा दिया तो बाद में आपको पछताने का भी मौका नहीं मिलेगा। इस ईश्वरीय संदेश को पढक़र भी अगर आप इसे अनदेखा करते हैं तो अंत समय में यह उलाहना न देना की परमात्मा इस धरती पर आया और हमें किसी ने बताया नहीं। याद रहे, अभी नहीं तो कभी नहीं। परमात्मा इस धरती पर आ चुका है और बहुत जल्द समय परिवर्तन होने वाला है।
चित्र सहित।
-जारीकर्ता
बी.के. रमेश कुमारी
संचालिका,
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय, हिसार