हिसार

कृषि प्रधान हरियाणा के बजट में कृषि के लिए नाममात्र का बजट ऊंट के मुंह में जीरा : प्रो. नेपाल सिंह वर्मा

किसानों को प्रोत्साहित करने में बजट असफल साबित होगा

हिसार,
प्रो. नैपाल सिंह वर्मा पूर्व एसोसिएसट डायरेक्ट एस्टेंशन एवं प्रो. एंड हैड एक्सटेंशन एजुकेशन एंड टेक्निकल एडवाइजर, हकृवि ने बजट पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि हरियाणा मुख्य रूप से कृषि प्रधान प्रांत है। इसलिए एक लाख 77 हजार करोड़ रूप के बजट मे खेती के लिए मात्र 5988 करोड़ का आवंटन ऊंट के मुंह मे जीरे के समान है। ग्रामीण क्षेत्र के लिए जो प्रावधान किये गये हैं वे शहरी विकास से दो हजार करोड़ रुपये कम है जिससे ग्रामीण क्षेत्र की अवहेलना साफ झलकती है।
नेपाल सिंह वर्मा ने कहा कि 14 फसलों की एमएसपी पर खरीद का सिद्धांत रूप में आश्वासन एक अच्छी पहल है इसे और विस्तार देने की आवश्यकता है परन्तु एमएसपी की विसंगतियो को दूर करने का कोई प्रयास नहीं किया गया है। इसलिए किसान मायूस होंगे क्योंकि इसमे स्वामीनाथन रिपोर्ट का कहीं जिक्र तक नहीं है। उन्होंने कहा कि फसल बीमा योजना को तर्कसंगत तथा व्यापकता बनाये जाने की उम्मीद पूरी नहीं हुई है। किसान आस लगाये बैठे थे कि कृषि पर आधारित कुटीर व लघु उद्योगों के लिए कुछ योजनाबद्ध प्रोजेक्ट्स लाए जाएंगे जिससे ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार के साथ-साथ किसानों व मजदूरों की आमदनी में भी बढ़ोतरी हो परन्तु ऐसा कुछ दिखाई नहीं दे रहा है। किन्नू व दूसरे फलों व सब्जियों के फूड प्रोसेसिंग उद्योगों वैल्यू एडीशन तथा पोस्ट हार्वेस्ट टेक्नोलॉजीस व फसल उत्पादों व रख रखाव की आवश्यकता बहुत लंबे समय से अपेक्षित है परन्तु इस दिशा में कोई विशेष प्रावधान नहीं किये गए हैं। इसलिये ग्रामीण क्षेत्र में न रोजगार बढेगा न आमदनी और न ही कृषि उत्पादों की बर्बादी को रोका जा सकेगा।

Related posts

इंसान बंद घरों में, पशु पक्षी स्वतंत्र नजर आते हैं

बदनीयती से घर में घुसा तिलक..युवती के शोर मचाने पर भागा

रेलगाड़ी में अनोखे अंदाज में हुई बिश्नोई समाज संस्कार परीक्षा

Jeewan Aadhar Editor Desk