जींद
सरकार जो ना कर सकी—वो गांव कालवा की महिलाओं ने कर दिखाया। गांव के युवा लगातार नशे की तरफ आकर्षित हो रहे थे। गांव की गलयिों में शराब, स्मैक, चरस की बिक्री सरेआम हो रही थी। परेशान महिलाओं ने कई बार प्रशासन के आगे गुहार लगाई। लेकिन समस्या का कोई हल नहीं निकला। ऐसे में नशेड़ियों से परेशान महिलाओं ने उन्हें सबक सिखाना शुरू कर दिया है। महिलाओं ने 5 दिन पहले अपना एक ग्रुप बनाया और लाठी-डंडे लेकर गांव में ठीकरी पहरा देना शुरू कर दिया। गांव की गलियों में सुबह—शाम नशेड़ियाेंं की पिटाई कर रही है। नशे का शक होने पर बाहरी व्यक्तियों की तलाशी तक ली जा रही है। इतना ही नहीं ये महिलाएं नशा बिकने वाली संदिग्ध जगहों पर छापेमारी भी कर रही है।
महिला टीम का गठन गांव की मोनिका के नेतृत्व में हुआ। टीम में करीब दो दर्जन महिलाएं शामिल है। मोनिका का कहना है कि गांव में नशे का कारोबार काफी फल—फूल रहा था। युवाओं पर इसका काफी बुरा असर पड़ रहा था। गांव की महिलाएं सरपंच दलबीर कुंडू से मिली। पंचायत ने पुलिस को भी इसकी सूचना दी गई। लेकिन जब कुछ नहीं हुआ तो उन्हें आगे आना पड़ा। महिलाओं की यह टीम घर—घर जाकर लोगों को नशे से दूर रहने का संदेश भी दे रहीं हैं।
कालवा के सरपंच दलबीर कुंडू ने बताया कि गांव में स्मैक, चरस समेत नशे का धंधा खूब हो रहा है। महिलाओं ने नशे के खिलाफ जो मुहिम छेड़ी है पंचायत उसमें सहयोग कर रही है। थाना प्रभारी बलवान सिंह ने बताया कि गांव कालवा की महिलाओं ने नशेड़ियों के खिलाफ अभियान चलाया हुआ है। उन्होंने एक पुलिसकर्मी से भी चरस बरामद की है। उसके खिलाफ केस दर्ज किया है। वह पुलिस कर्मी पहले से सस्पेंड है।
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