भिवानी
हरियाणा विद्यालय विद्यालय शिक्षा बोर्ड की मार्च-2017 में संचालित सैकेण्डरी (शैक्षिक) परीक्षा का परिणाम 50.49 फीसदी रहा है तथा स्वयंपाठी परीक्षार्थियों का परिणाम 35.48 फीसदी रहा है। शैक्षिक परीक्षा में 55.30 प्रतिशत कामयाब लड़कियों की तुलना में 46.52 प्रतिशत ही लडक़े सफलता प्राप्त कर सके हैं। इस प्रकार लड़कियों ने लडक़ों से 8.78 फीसदी ज्यादा पास प्रतिशतता देकर बढ़त हासिल की है।
इस परीक्षा परिणाम की घोषणा बोर्ड अध्यक्ष डॉ. जगबीर सिंह एवं बोर्ड सचिव अनिल नागर, एच.सी.एस. ने संयुक्त रूप से आज यहाँ बोर्ड मुख्यालय पर आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस को सम्बोधित करते हुए की।
बोर्ड अध्यक्ष ने बताया कि गत वर्ष नियमित परीक्षार्थियों का परिणाम 48.88 फीसदी रहा तथा स्वयंपाठी परीक्षार्थियों का परिणाम 46.39 रहा था। उन्होंने बताया कि परीक्षार्थी अपने परीक्षा परिणाम बोर्ड की वेबसाईट www.bseh.org.in एवं www.indiaresults.com पर देख सकते हैं। उन्होंने आगे बताया कि यह परिणाम बोर्ड द्वारा तैयार करवाई गई मोबाईल एप पर भी देखा जा सकता है। इस मोबाईल एप को गूगल प्ले स्टोर में जाने के बाद “Education Board Bhiwani Haryana” सर्च करते हुए डाऊनलोड किया जा सकता है। बोर्ड की वैबसाईट पर प्रथम 10 स्थान प्राप्तकत्र्ता परीक्षार्थियों तथा जिलानुसार प्रथम, द्वितीय, तृतीय स्थान प्राप्तकत्र्ता परीक्षार्थियों का परिणाम भी उपलब्ध रहेगा। यह सूची अस्थाई तौर पर जारी की जा रही है, चूँकि सूची को अंतिम रूप पुन: जाँच/ पुनर्मूल्यांकन के केस हल होने उपरांत दिया जाता है।
उन्होंने आगे बताया कि इस परीक्षा में प्रथम स्थान पर मोनिका रानी (सीनियर मॉडल उच्च विद्यालय, भिरडाना, फतेहाबाद) ने 500 में से 493 अंक, द्वितीय स्थान पर रूपेश (आदर्श सी.सै. स्कूल, कैरू, भिवानी) ने 491 अंक तथा तृतीय स्थान साक्षी (अमर ज्योति सी.सै. स्कूल, भुथन कलां, फतेहाबाद), अंजलि (मॉडल के.एम. सी.सै. स्कूल, डांगरा टोहाना, फतेहाबाद), रवि कुमार (बाल आदर्श उच्च विद्यालय, बांडाहेड़ी, हिसार) एवं रजत (आदर्श बाल मंदिर उच्च विद्यालय, नरवाना, जींद) ने 490 अंक अर्जित करके पाया है।
बोर्ड अध्यक्ष ने आगे बताया कि पहली बार प्रमाण-पत्रों पर आधार नम्बर अंकित किये जा रहे हैं। लगभग 3500 परीक्षार्थी ऐसे हैं जिनके आधार कार्ड नम्बर वांछित हैं अर्थात् अपडेट नहीं करवाए गए हैं। उनके परीक्षा परिणाम छात्र हित को ध्यान में रखते हुए बोर्ड की वैबसाईट पर घोषित तो कर दिए गए हैं, परन्तु प्रमाण-पत्र बिना आधार कार्ड नम्बर के जारी नहीं किए जाएगें, इसलिए वे जल्द से जल्द आधार कार्ड नम्बर तुरंत अपडेट करवाएं, किसी भी प्रकार की देरी के लिए विद्यालय/परीक्षार्थी स्वयं जिम्मेवार होगें। उन्होंने बताया कि ऐसे विद्यालयों के छात्र/छात्राओं को सम्बन्धित शाखा द्वारा आधार कार्ड नम्बर अपडेट करवाने हेतु दूरभाष पर भी सूचित किया जा रहा है।
बोर्ड सचिव श्री अनिल नागर, एच.सी.एस. ने बताया कि सैकेण्डरी (शैक्षिक) परीक्षा में 3,15,900 परीक्षार्थी प्रविष्ठ हुए थे, जिनमें से 1,59,490 उत्तीर्ण हुए। 16,738 परीक्षार्थियों की कम्पार्टमेंट आयी है तथा 1,39,672 परीक्षार्थी अनुत्तीर्ण रहे हैं। इस परीक्षा में 1,73,193 छात्र बैठे थे, जिनमें 80,572 पास हुए तथा 1,42,707 प्रविष्ठ छात्राओं में से 78,918 पास हुई।
उन्होंने आगे बताया कि इस परीक्षा में राजकीय विद्यालयों की पास प्रतिशतता 43.50 रही, राजकीय एडिड विद्यालयों की पास प्रतिशतता 51.18 रही तथा प्राईवेट विद्यालयों की पास प्रतिशतता 58.13 रही है। इस परीक्षा में ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों की पास प्रतिशतता 52.58 रही है, जबकि शहरी क्षेत्र के विद्यार्थियों की पास प्रतिशतता 48.38 रही है। उन्होंने बताया कि सैकेण्डरी परीक्षा के स्वयंपाठी परीक्षार्थियों का परिणाम 35.48 प्रतिशत रहा है। इस परीक्षा में 67,373 परीक्षार्थी प्रविष्ठ हुए जिनमें से 23,901 पास हुए।
बोर्ड सचिव ने बताया कि यह परिणाम आज 22 मई को 4:00 बजे सायं से संबंधित विद्यालयों/संस्थाओं द्वारा बोर्ड की वेबसाईट पर जाकर अपनी यूजर आईडी व पासवर्ड द्वारा लॉगिन करते हुए डाऊनलोड भी किया जा सकेगा। कोई विद्यालय अगर समय पर परिणाम प्राप्त नहीं करता है तो इसके लिए वह स्वयं जिम्मेवार होगा।
उन्होंने आगे बताया कि इन परीक्षा परिणामों के आधार पर जो परीक्षार्थी अपनी उत्तरपुस्तिकाओं की पुन: जाँच अथवा पुनर्मूल्यांकन करवाना चाहते हैं तो वे ऑनलाईन आवेदन कर सकते हैं। पुन: जाँच/पुनर्मूल्यांकन निर्धारित शुल्क सहित परिणाम घोषित होने की तिथि से 20 दिन तक ऑनलाईन आवेदन कर सकते हैं। पुनर्मूल्यांकन हेतु बीपीएल विद्यार्थियों के शुल्क में 200/- रूपये की छूट करते हुए 800/- रूपये रहेगा। उन्होंने बताया कि पुन: जाँच की प्रक्रिया में उत्तरपुस्तिका में दिए गए अंकों का जोड़ या गलती या कोई प्रश्र बिना चैकिंग रह गया है, उसे जाँचा जाता है, जबकि पुनर्मूल्यांकन में सम्पूर्ण उत्तरपुस्तिका के प्रत्येक उत्तर का मूल्यांकन दुबारा किया जाता है।