हिसार,
हवन-यज्ञ में उपस्थित होकर पूरे भाव से यज्ञ देवता को नारियल व घी की पूर्ण आहुति देने से कल्याण होता है और इससे उत्पन्न होने वाली सुगंध मानव के साथ-साथ वातावरण के लिए बहुत लाभकारी है। हवन यज्ञ के पवित्र धुएं से वातावरण स्वच्छ होता है, इसलिए हमें समय-समय पर हवन-यज्ञ करवाना चाहिए।
यह बात महंत राजेश्वरानंद महाराज ने कैमरी रोड स्थित ज्ञानदीप सेवार्थ आश्रम में श्रीश्री 1008 ब्रह्मलीन ओमानंद महाराज के जन्मोत्सव पर आयोजित धार्मिक कार्यक्रम के समापन अवसर पर हवन यज्ञ सत्संग व भंडारे में उपस्थित श्रद्धालुओं के बीच कही। महंत राजेश्वरानंद ने गुरु की महिमा की व्याख्या करते हुए कहा कि गुरु ज्ञान की गंगा होते हैं व हमेशा अपने भक्तों, श्रद्धालुओं को सत्य भक्ति व उदारता का पाठ पढ़ाते हैं। गुरू सदैव प्रेम, प्यार से रहने की प्रेरणा देते हैं जिससे हमारा मान-यश बढ़ सके। इसलिए हमें गुरु की ज्ञान रूपी गंगा में डुबकी लगा लेनी चाहिए ताकि हमारा व हमारे परिवार का कल्याण हो। इसके अलावा महंत राजेश्वरानंद ने गुरु के प्रति सुंदर भजनों से सभी को मंत्रमुग्ध किया।
इस अवसर पर श्रद्धालुओं ने महंत जी से केक कटवाया, गुरु की आरती के उपरांत सभी ने लंगर प्रसाद ग्रहण किया। इस अवसर पर राजवीर सिंह, अजीत सिंह, कर्मबीर सिंह, कृष्ण कबीर, राजबीर, अजीत वर्मा, दलबीरा नंद महाराज, इंद्रानंद महाराज, तिलक धारी महाराज, ओमपति महाराज, राजवीर सिंह, अजीत सिंह, कर्मबीर सिंह, जयभगवान खर्ब, राजबीर वर्मा, कर्मबीर सिंह, इंद्र सिंह, जयभगवान, राजू जांगडा, सुनील शर्मा, सुनील सैनी, संजय, अशोक कुमार मसाले वाले, डॉ. नानकी सहित अनेक श्रद्धालु मौजूद थे।