हिसार

अमृता देवी के नाम से विश्वविद्यालयों में पीठ स्थापित करने के निर्णय का युवा संगठन ने किया स्वागत

बिश्नोई युवा संगठन प्रधानमंत्री में संबंधित मंत्रालय को भेजेगा आभार पत्र

हिसार
भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित योजना के तहत हर विश्वविद्याल में 10 पीठों की स्थापना करने का निर्णय लेने के बाद अखिल भारतीय बिश्नोई युवा संगठन में 10 में से एक पीठ का नामकरण अमृता देवी के नाम से करने पर महिला बाल विकास मंत्रालय का आभार व्यक्त किया है।
संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रवीण धारनियां और मीडिया प्रभारी रामनिवास बेनीवाल ने बताया कि अखिल भारतीय बिश्नोई युवा संगठन की तरफ से महिला बाल विकास मंत्रालय को आभार पत्र प्रेषित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि संगठन विभिन्न विश्वविद्यालयों को वन्य एवं वन्यजीव के क्षेत्र में शोध कार्य, संवाद, संगोष्ठी,अनुसंधान, पुस्तक, मोनोग्राम आदि को प्रकाशित करने को समर्पित अमृता देवी बिश्नोई पीठ स्थापित करने का आग्रह विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति से करेगा। यहां बता दें कि बता दें कि पर्यावरण को लेकर सबसे पहला बलिदान अमृता देवी बिश्नोई का है। बिश्नोई धर्म के नियमों के पालन की रक्षार्थ 1730 में बिश्नोई धर्म के अनुयायी लोगों ने पेड़ों की रक्षार्थ जो जीवन का बलिदान किया था वह बलिदान विश्व में अकेला व अद्वितीय था। इस बलिदान को समय-समय पर लोगों के सामने प्रेरणा के रूप में रखना अपने आप में गौरव की बात है। बिश्नोई धर्म की ऐतिहासिक धरोहर को विश्व पटल पर ले जाने के लिए संगठन ने गत 3 वर्षों से 21 सितंबर को हर वर्ष इस महान बलिदान की याद में ‘श्रद्धांजलि व उपवास कार्यक्रम’ का आयोजन सभी राज्यों में किया जा रहा है। भारत सरकार के मंत्रालय द्वारा शहीद माता अमृता देवी के नाम पर वन व वन्य जीवन पर आधारित शोध कार्यों के लिए जो पीठ स्थापित करने का निर्णय लिया है। बिश्नोई युवा संगठन के द्वार इसके लिए अखिल भारतीय बिश्नोई युवा संगठन भारत सरकार के मंत्रालय से संबंधित मंत्री को व भारत के प्रधानमंत्री को भी धन्यवाद पत्र भेजेगा।

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