राज्य

भाजपा के सांसद ने मोदी की तुलना असहाय भीष्म पितामाह से की

हिसार
लोकसभा में भाजपा के अन्य सांसदों से हटकर बयान देने वाले कुरुक्षेत्र संसदीय क्षेत्र से सांसद राजकुमार सैनी ने आज हिसार में एक और बात कह डाली। बात करने का मकसद राज्यसभा को भंग करना था, मगर उनका टारगेट प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सतर्क करने का रहा। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तुलना भीष्म पितामह की उस परिस्थिति से कर दी, जिसमें भीष्म पितामाह ने महाभारत के दौरान साथ दुर्योधन का दिया था और कामना पांडवों के लिए कर रहे थे। उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से यही इशारा था कि यदि राज्यसभा को भंग नहीं किया तो देश में वहीं कांटों की सेज वाला माहौल न बन जाए।
सैनी आज हिसार आजाद नगर क्षेत्र में गांव गांधी नगर निवासी दरिया सिंह के श्रद्धांजलि सभा में परिवार को ढांडस बंधाने आए थे। इसी बीच उन्होंने मीडिया से बातचीत की।
सांसद सैनी ने राज्यसभा को भंग करने के पक्ष में कहा कि जिस तरह भीष्म पितामह ने इस देश की सुरक्षा के लिए, भारत की सुरक्षा के लिए, हस्तिनापुर की सुरक्षा की कामना की थी। लेकिन साथ दिया था दुर्योधन का और कामना की थी पांडवों की और आखिर में शूलों की शैया पर सोना पड़ा था। कहीं इस प्रकार से माननीय प्रधानमंत्री जो हमारे बहुत ही ईमानदार व कर्मशील योगी हैं। कहीं जिस प्रकार से आज राज्यसभा देश के काम को रोक रही है और ये सदन अगर खड़ा रहा तो इस प्रकार से देश का माहौल उन्हीं कांटों की शैया जैसा न बन जाए, क्योंकि पिछले 50 वर्षों से राज्यसभा में सारा विपक्ष इकठ्ठा होकर के जिस दल को लोकसभा में बहुमत मिलता है, उसके विपरीत सारे विपक्ष का एक ही सपना है कि ये बदनाम हो जाएंगे तभी हम रिवाइव हो पाएंगे। इस एंगल से ये सदन काम कर रहा है। जब देवगौड़ा की सरकार थी, तो बीजेपी-कांग्रेेेस दोनों विरोध करते थे और काम रोकते थे। जब कांग्रेस की सरकार थी तो बीजेपी के साथ सारा विपक्ष काम करता था। आज भाजपा की सरकार है, वही काम आज कांग्रेस कर रही है।
अगर जनता उलट-फेर फैसला ले ले तो राज्यसभा में हमारे लोग करेंगें
राज्यसभा में अब यूपी की जीत के बाद राज्यसभा में जल्द ही भाजपा का बहुमत होने संबंधी प्रश्न के उत्तर में सैनी ने दोबारा भारतीय जनता पार्टी के सत्ता मेंं आने पर एक प्रश्न खड़ा कर दिया। उन्होंने कहा कि देखिए, जनता काफी क्षुब्ध हो जाती है, इतने दिनों में। चार-चार साल में। अगर जनता कोई उलट-फेर फैसला ले ले तो फिर जो काम आज कांग्रेस वाले और विपक्ष वाले कर रहे हैं राज्यसभा में, वही काम हमारे लोग शुरु कर देंगे। तो क्या पैसे देकर के देश का काम रोकने के लिए ही ये सदन रखा है। ये सदन तो अंग्रेजों ने ही बनाया था, जब देश से अंग्रेज ही चले गए तो इस सदन का क्या औचित्य है। दुनिया के दो-तिहाई देशों में सिंगल सदन सिस्टम है। जो जनता ने पास करवा दिया, जो जनता के प्रतिनिधियों ने पास काम करवा दिया, वो काम डे-टू-डे होता रहता है। यहां बीस-बीस साल लग जाते हैं एक बिल को पास होने में।
पिछले पांच मुख्यमंत्रियों ने जो ढांचा बनाया है, वह इस सरकार को डिस्टर्ब करने के लिए काफी है
प्रदेश में ढ़ाई साल की भाजपा की सरकार से संतुष्ट होने संबंधी प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि रैंकिंग जनता देगी। अब हम तो सरकार में एक कार्यकर्ता हैं। वो हमारे को भी क्या रैंक दे रहे हैं। लेकिन मैं उसकी बात करता हूं, जो वास्तविकता है। पिछले पांच मुख्यमंत्रियों ने जो अमला फैलाया, जो ढांचा इस प्रदेश के अंदर दिया, इस सरकार को डिस्टर्ब करने के लिए काफी है। वो काम कुछ होने ही नहीं देंगे। जो पिछली अफसरशाही पिछले पांच मुख्यमंत्रियों ने तैयार की है, वो कब किसी और दल की सरकार को बर्दाश्त कर पाएगी। वो तो काम को रोकने के लिए खड़े हैं, आगे बढ़ाने के लिए कहां हैं। प्रदेश में अफसरशाही पूरी तरह चरम पर है। भाजपा के विधायकों की नाराजगी की भी यही वजह है।
इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि जिस बैकवर्ड समाज ने देश और प्रदेश के अंदर 90 फीसदी समर्थन बीजेपी को दिया।
जब उनके हितों साधने के लिए जाति विशेष के लोगो ने पूरा हरियाणा जलाया। और उनको सजा देने और उनके खिलाफ कार्यवाही करने की बजाय उनको नौकरियां देने और उनको आरक्षण देने, उनको मुआवजा देने की जो बात सामने आई कि पूरा का पूरा पिछड़ा वर्ग व सभी अन्य समाज के लोगों की भावनाएं आहत हुईं। इसको लेकर आज प्रदेश में गर्माहट इसी बात को लेकर है कि आज भी अगर लोग प्राचीन काल की तरह पहले बड़े-बड़े कबीले लोगों को गुलाम बना लेते थे, तो क्या वो ही प्रजातंत्र आज भी चला आएगा।
इस पर हमने कहा था कि सौ प्रतिशत आरक्षण सभी वर्गों को दे दे। एक परिवार का एक रोजगार दें, अगला रोजगार अगले परिवार के सदस्या को दें। और तीसरी बात हमने कही थी कि हम दो, हमारे दो से ही देश का भला हो सकता है। विस्फोटक जनसंख्या को रोकना होगा। और किसान व मजदूर को मिलाकर चौथी बात हमने कही कि मनरेगा योजना चलाई जाए, जिसमें 250 रुपए तो सरकार मनरेगा के तहत दे दे और किसान 150 रुपए दे दे। इससे मजदूर को 400 रुपए मिल जाएंगे और किसान को 150 रुपए में मजदूर मिल जाएगा। काम भी पूरा हो सकेगा और मनरेगा में होने वाली मिलीभगत भी रुक सकेगी। देश में किसान व मजदूर की आर्थिक व्यवस्था सुधर जाएगी।
उन्होंने कहा कि कहीं हमारी सरकार दादागिरी के खिलाफ झुके, जिसको लेकर प्रदेश का हर नागरिक उनके विपरीत खड़ा होकर अपनी बात कहता है कि यह सिलसिला और आगे बढ़ा तो कहीं प्रदेश में फिर कबीलावाद, आंतरिक विरोध, आंतरिक सुरक्षा को खतरा न हो जाए।
आगामी लोकसभा में भाजपा की टिकट से चुनाव लडऩे संबंधी प्रश्न पूछने पर सांसद राजकुमार सैनी ने जवाब दिया कि यह फैसला जनता करेगी। 26 नवंबर को हम जींद के हुडा मैदान में एक बड़ा कार्यक्रम करेंगे। 26 नंवबर जोकि हमारी आजादी और हमारे देश के संविधान की पालना का दिन है। इसलिए हम 26 नवंबर को पूरे प्रदेश की जनता से पूछेंगे कि बताइए क्या करेंगे।
प्रदेश में क्षेत्रीय राजनीतिक दलों के भविष्य संबंधी पूछे गए प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि आज देश के अंदर सभी ओर क्षेत्रीय पार्टियां ही हैं। जो पीछे बड़े-बड़े दल हैं, वह तो 440 से अब सिर्फ अली बाबा 40 चोर ही रह गए। बाकि जो बात है, मैं ये नहीं कहता कि क्षेत्रीय पार्टियों का भविष्य है, मगर व्यक्तियों का भविष्य है। व्यक्ति ईमानदार होंगे। ईमानदारी से देश के लिए काम करेंगे तो भविष्य निश्चित रूप से बेहतर होगा। लेकिन जिस तरह भीष्म पितामह ने इस देश की सुरक्षा के लिए, भारत की सुरक्षा के लिए, हस्तिनापुर की सुरक्षा की कामना की थी। लेकिन साथ दिया था दुर्योधन का और कामना की थी पांडवों की और आखिर में शूलों की शैया पर सोना पड़ा था।
कहीं इस प्रकार से माननीय प्रधानमंत्री जो हमारे बहुत ही ईमानदार व कर्मशील योगी हैं। कहीं जिस प्रकार से आज राज्यसभा देश के काम को रोक रही है और ये सदन अगर खड़ा रहा तो इस प्रकार से देश का माहौल उन्हीं कांटों की शैया जैसा न बन जाए, क्योंकि पिछले 50 वर्षों से राज्यसभा में सारा विपक्ष इकठ्ठा होकर के जिस दल को लोकसभा में बहुमत मिलता है, उसके विपरीत सारे विपक्ष का एक ही सपना है कि ये बदनाम हो जाएंगे तभी हम रिवाइव हो पाएंगे। इस एंगल से ये सदन काम कर रहा है। जब देवगौड़ा की सरकार थी, तो बीजेपी-कांग्रेेेस दोनों विरोध करते थे और काम रोकते थे। जब कांग्रेस की सरकार थी तो बीजेपी के साथ सारा विपक्ष काम करता था। आज भाजपा की सरकार है, वही काम आज कांग्रेस कर रही है।
राज्यसभा में अब यूपी की जीत के बाद राज्यसभा में जल्द ही भाजपा का बहुमत होने संबंधी प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि देखिए, जनता काफी क्षुब्ध हो जाती है, इतने दिनों में। चार-चार साल में। अगर जनता कोई उलट-फेर फैसला ले ले तो फिर जो काम आज कांग्रेस वाले और विपक्ष वाले कर रहे हैं, राज्यसभा में, वही काम हमारे लोग शुरु कर देंगे। तो क्या पैसे देकर के देश का काम रोकने के लिए ही ये सदन रखा है। ये सदन तो अंग्रेजों ने ही बनाया था, जब देश से अंग्रेज ही चले गए तो इस सदन का क्या औचित्य है। दुनिया के दो-तिहाई देशों में सिंगल सदन सिस्टम है। जो जनता नेपास करवा दिया, जो जनता के प्रतिनिधियों ने पास काम करवा दिया, वो काम डे-टू-डे होता रहता है। यहां बीस-बीस साल लग जाते हैं एक बिल को पास होने में।
प्रदेश में ढ़ाई साल की भाजपा की सरकार से संतुष्ट होने संबंधी प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि रैंकिंग जनता देगी। अब हम तो सरकार में एक कार्यकर्ता हैं। वो हमारे को भी क्या रैंक दे रहे हैं। लेकिन मैं उसकी बात करता हूं, जो वास्तविकता है। पिछले पांच मुख्यमंत्रियों ने जो अमला फैलाया, जो ढांचा इस प्रदेश के अंदर दिया, इस सरकार को डिस्टर्ब करने के लिए काफी है। वो काम कुछ होने ही नहीं देंगे। जो पिछली अफसरशाही पिछले पांच मुख्यमंत्रियों ने तैयार की है, वो कब किसी और दल की सरकार को बर्दाश्त कर पाएगी। वो तो काम को रोकने के लिए खड़े हैं, आगे बढ़ाने के लिए कहां हैं। प्रदेश में अफसरशाही पूरी तरह चरम पर है। भाजपा के विधायकों की नाराजगी की भी यही वजह है।

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