परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से— 605 धर्मपरमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—...Jeewan Aadhar Editor DeskJuly 21, 2025July 21, 20250
परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से— 604 धर्मपरमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—...Jeewan Aadhar Editor DeskJuly 20, 2025
परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से— 603 धर्मपरमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—...Jeewan Aadhar Editor DeskJuly 19, 2025
परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से— 602 धर्मपरमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—...Jeewan Aadhar Editor DeskJuly 18, 2025
परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से— 601 धर्मपरमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—...Jeewan Aadhar Editor DeskJuly 17, 2025
धर्मस्वामी राजदास : ईश्वर है या नहीं???Jeewan Aadhar Editor DeskNovember 9, 2017 November 9, 2017 एक पंडित को तीर लग गया था। बुद्ध पास से गुजरते हैं, तो उन्होंने कहा मैं यह तीर खींच दूं । उस पंडित ने कहा,...
धर्मपरमहंस स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—48Jeewan Aadhar Editor DeskNovember 9, 2017January 5, 2024 November 9, 2017January 5, 2024 धर्म प्रमी सज्जनों गीता में श्रीकृष्ण ने स्पष्ट लिखा हैं, मैं इन्द्रियों में मन हूँ अत: मन बड़ा बलवान् होता है। मन की इच्छा पर...
धर्मस्वामी राजदास : अपने दुर्गुणJeewan Aadhar Editor DeskNovember 8, 2017 November 8, 2017 एक गांव में पंचायत लगी थी। वहीं थोड़ी दूरी पर एक संत ने अपना बसेरा किया हुआ था। जब पंचायत किसी निर्णय पर नहीं पहुंच...
धर्मओशो :औषधि जैसा है संन्यासJeewan Aadhar Editor DeskNovember 8, 2017 November 8, 2017 एक आदमी बीमार है और चिकित्सक उसे कहता है, यह औषधि लो और व्यायाम करो। तो औषधि संन्यास है और व्यायाम योग है। औषधि बीमारी...
धर्मपरमहंस स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—47Jeewan Aadhar Editor DeskNovember 8, 2017January 4, 2024 November 8, 2017January 4, 2024 धर्म प्रमी सज्जनों गीता में श्रीकृष्ण ने स्पष्ट लिखा हैं, मैं इन्द्रियों में मन हूँ अत: मन बड़ा बलवान् होता है। मन की इच्छा पर...
धर्मस्वामी राजदास : एक-एक शब्द में हजार अर्थJeewan Aadhar Editor DeskNovember 7, 2017 November 7, 2017 एक आदमी बीमार है। तो औषधि की जरूरत तभी तक है जब तक वह बीमार है। ठीक से समझें तो आदमी को औषधि की जरूरत...
धर्मओशो : ध्यान एक कलाJeewan Aadhar Editor DeskNovember 7, 2017 November 7, 2017 ध्यान भी एक कला है। इस हृदय की गुफा में तो हम किनारे पर तैरना सीख लेते हैं, फिर उस विराट के सागर में उतरने...
धर्मपरमहंस स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—46Jeewan Aadhar Editor DeskNovember 7, 2017January 3, 2024 November 7, 2017January 3, 2024 एक बार एक राजा ने अपने राज्य में एक बाजार ऐसा लगवाया, जिसमें शादी-विवाह में काम आनेवाली सभी वस्तुएँ उपलब्ध थीं। यह सोचकर कि राजा...
धर्मस्वामी राजदास : सदुपयोगJeewan Aadhar Editor DeskNovember 6, 2017 November 6, 2017 नरसी के पड़ोस में एक आदमी आलाप भर रहा था। आधी रात को नरसी उसके पास गया और उसने कहा कि आप को तो अपने...
धर्मओशो : कैवल्य उपनिषद 200Jeewan Aadhar Editor DeskNovember 6, 2017 November 6, 2017 जब हम एक दफा, पहली दफा किसी व्यक्ति को पानी में फेंकते हैं तैरने के लिए, तब भी वह हाथ-पैर फेंकता है- थोड़े अव्यवस्थित। और...