धर्म

स्वामी विवेकानंद : ताकत ही जीवन है और कमजोरी मौत

आज स्वामी विवेकानंद की 156वीं जयंती है। उनका जन्‍म 1863 में आज ही के दिन कोलकाता में हुआ था। उनके विचार आज भी प्रासांगिक बने हुए हैं। स्वामी जी के विचार किसी भी व्यक्ति की निराशा को दूर कर सकते हैं। उसमें आशा भर सकते हैं।

1. उठो और जागो और तब तक रुको नहीं जब तक कि तुम अपना लक्ष्य प्राप्त नहीं कर लेते।

2. आप जो भी सोचेंगे, आप वही हो जाएंगे। अगर आप खुद को कमजोर सोचेंगे तो आप कमजोर बन जाएंगे। अगर आप सोचेंगे की आप शक्तिशाली हैं तो आप शाक्तिशाली बन जाएंगे।

3. एक विचार चुनिए और उस विचार को अपना जीवन बना लिजिए। उस विचार के बारे में सोचें उस विचार के सपने देखें। अपने दिमाग, अपने शरीर के हर अंग को उस विचार से भर लें बाकी सारे विचार छोड़ दें। यही सफलता का रास्ता हैं।

4. एक नायक की तरह जिएं, हमेशा कहें मुझे कोई डर नहीं, सबको यही कहें कोई डर नहीं रखो।

5. ब्रह्मांड की सारी शक्तियां पहले से ही हमारे भीतर मौजूद हैं। हम ही मूर्खतापूर्ण आचरण करते हैं, जो अपने हाथों से अपनी आंखों को ढक लेते हैं…और फिर चिल्लाते हैं कि चारों तरफ अंधेरा है, कुछ नजर नहीं आ रहा है।

6. अगर आप पौराणिक देवताओं में यकीन करते हैं और खुद पर यकीन नहीं करते हैं तो आपको मुक्ति नहीं मिल सकती है। अपने में विश्वास रखो और इस विश्वास पर खड़े हो जाओ, शक्तिशाली बनो, इसी की हमें जरूरत है।

7. ताकत ही जीवन है और कमजोरी मौत है।

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