धर्म

भक्त के बिना भगवान भी अधूरे: स्वामी सदानंद

आदमपुर (अग्रवाल)
भक्त के हृदय में भगवान वास करते हैं। भगवान हमेशा भक्त के वश में ही रहते हैं, भक्त के बिना भगवान भी अधूरे हैं। उक्त विचार स्वामी सदानंद महाराज ने प्रणामी सत्संग भवन में बुधवार को कथा के अंतिम दिन श्रद्धालुओं को व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि भक्त अगर सच्चे हृदय से भगवान की भक्ति करें तो स्वयं नारायण को विभिन्न रूपों में धरती पर मानव रूप में जन्म लेना पड़ता है, चाहे भक्त की अवस्था जो भी हो। बाल्यकाल में भी भक्ति कर भक्तराज प्रह्लाद व ध्रुव ने ईश्वर को प्राप्त किया। उन्होंने कहा कि भागवत कथा के श्रवण मात्र से मनुष्य के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं व मोक्ष की प्राप्ति होती है। उन्होंने कहा कि मनुष्य तो मनुष्य भागवत कथा के श्रवण से प्रेत आत्मा को भी मोक्ष की प्राप्ति होती है। उन्होंने इस अवसर पर ‘अब सौंप दिया जीवन का हर भार तुम्हारे कंधों पर.. गाकर श्रोताओं को भक्ति रस से साराबोर कर दिया।

जीवन आधार पत्रिका यानि एक जगह सभी जानकारी..व्यक्तिगत विकास के साथ—साथ पारिवारिक सुरक्षा गारंटी और मासिक आमदनी और नौकरी भी..अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करे।

Related posts

परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज—328

ओशो : सारे उपद्रव ठहर जाते है

Jeewan Aadhar Editor Desk

परमहंस स्वामी सदानंद के प्रवचनों से-3

Jeewan Aadhar Editor Desk