परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—524 धर्मपरमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—524Jeewan Aadhar Editor DeskMay 1, 2025May 1, 2025May 1, 2025May 1, 20250
परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—523 धर्मपरमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—523Jeewan Aadhar Editor DeskApril 30, 2025
परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—522 धर्मपरमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—522Jeewan Aadhar Editor DeskApril 29, 2025
परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—521 धर्मपरमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—521Jeewan Aadhar Editor DeskApril 28, 2025
परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—520 धर्मपरमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—520Jeewan Aadhar Editor DeskApril 26, 2025
धर्मपरमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—462Jeewan Aadhar Editor DeskMarch 1, 2025 March 1, 2025 गुरु द्रोण जब गुरुकुल की कक्षा में कौरव पांडव विद्यार्थियों को पढ़ाने पहुंचे, तो अत्यंत प्रसन्न थे। द्रोण स्वयं परमगुरु थे, लेकिन उस दिन उन्होंने...
धर्मपरमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—461Jeewan Aadhar Editor DeskFebruary 28, 2025 February 28, 2025 सिंधुराज के राज्य में एक डाकू का बड़ा आतंक था। वह धनी, निर्धन सबको लूटता था। किसी पर दया नहीं करता था। लोग हाथ जोड़...
धर्मपरमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—460Jeewan Aadhar Editor DeskFebruary 27, 2025February 28, 2025 February 27, 2025February 28, 2025 प्राचीनकाल की बात है एक राज्य के राजा की मृत्यु के पश्चात् उसका मूर्ख पुत्र गददी पर बैठा।इस प्रकार उस राज्य पर एक मूर्ख राजा...
धर्मपरमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—459Jeewan Aadhar Editor DeskFebruary 26, 2025 February 26, 2025 एक बार राजा यदु ने ऋषि दतात्रेय से पूछा- “महाराज! मैं जानना चाहता हूं कि आपने आत्मा में ही परमानंद का अनुभव कैसे प्राप्त किया...
धर्मपरमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—458Jeewan Aadhar Editor DeskFebruary 25, 2025 February 25, 2025 दो मित्र थे। एक बहुत धार्मिक प्रवृत्ति का था और सदैव प्रभु चिंतन में लगा रहता था, किंतु दूसरा मित्र घोर नास्तिक था। वह कभी...
धर्मपरमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—457Jeewan Aadhar Editor DeskFebruary 24, 2025 February 24, 2025 गुरुदेव रविन्द्रनाथ टैगोर जब भी रचना कर्म में जुटते थे, तो पूरे मन-प्राण से तन्मय होकर लिखते थे। उस समय उन्हें कतई यह भान नहीं...
धर्मपरमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—456Jeewan Aadhar Editor DeskFebruary 23, 2025 February 23, 2025 एक राजा और नगर सेठ की घनिष्ठ मित्रता थी। नगर सेठ चंदन की लकड़ी का व्यापार करता था। एक दिन नगर सेठ के मन में...
धर्मपरमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—455Jeewan Aadhar Editor DeskFebruary 22, 2025 February 22, 2025 एक जंगल में हाथियों के समूह के साथ उनका मुखिया चतुरदंत रहता था। एक बार उस जंगल में कई वर्षों तक पानी नहीं बरसा। अकाल...
धर्मपरमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी के प्रवचनों से—454Jeewan Aadhar Editor DeskFebruary 21, 2025 February 21, 2025 एक बार आदिशंकराचार्य और मंडन मिश्र के मध्य किसी विषय को लेकर बहस छिड़ गई। दोनों अपने-अपने तर्कों पर अड़िग थे और कोई हार मानने...
धर्मपरमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से— 453Jeewan Aadhar Editor DeskFebruary 20, 2025 February 20, 2025 जर्मनी के जोसेफ बर्नार्ड अपनी बाल्यावस्था से लेकर किशोरावस्था तक अत्यंत बुद्धिहीन रहे। उनके पिता ने अच्छी से अच्छी ट्यूशन लगवाई, किंतु कोई सकारात्मक परिणाम...