धर्म

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परमहंस स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—32

Jeewan Aadhar Editor Desk
एक गांव में भोला नाम का एक आदमी रहता था। वो पढ़ा -लिखा नहीं था और बहुत ही सीधा–साधा था। वह अक्सर लोगों को चश्मा...
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ओशो:कठोपनिषद

फ्रायड जैसे मनोवैशानिक तो कहते हैं कि परमेश्वर की धारणा पिता की धारणा का ही विस्तार है, उसका ही प्रक्षेप है। जो बच्चे पिता के...
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परमहंस स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—31

Jeewan Aadhar Editor Desk
एक बहुत अमीर बूढ़ा आदमी था। उसे अपने चित्र बनाने का बहुत ज्यादा शौंक था। एक बार उसने एक चित्रकार से अपना चित्र बनाने के...
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ओशो: द पैशन फॉर द इम्पॉसिबल

सुबह उठते ही पहली बात, कल्पना करें कि तुम बहुत प्रसन्न हो। बिस्तर से प्रसन्न-चित्त उठें – आभा-मंडित, प्रफुल्लित, आशा-पूर्ण – जैसे कुछ समग्र, अनंत...
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परमहंस स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—28

Jeewan Aadhar Editor Desk
बहुत समय पहले की बात है। एक बहुत बड़ा और घना जंगल हुआ करता था। गर्मियों के दिन थे जंगल में जानवरों की पहल कदमी...