बिजनेस

स्टार्टअप इंडिया की शर्त पूरी कर उठाए फायदा


नई दिल्ली
स्टार्टअप इंडिया प्रोग्राम देश में रोजगार के अवसर भी बढ़ाने का काम करेगा। सरकार ने स्टार्टअप ​इंडिया प्रोग्राम के साथ एक महत्वपूर्ण शर्त लगा दी है। ​स्टार्टअप इंडिया के लिए क्वॉलिफाई करने की खातिर आपको यह बताना होगा कि आपके प्लान से कितने नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे। प्रोग्राम से जुड़े एक अधिकारी ने बताया, ‘हम स्टार्टअप्स के लिए जल्द नई परिभषा नोटिफाई करेंगे। इस परिभाषा के दायरे में इनोवेशन के अलावा दूसरी बातें भी होंगी।’

स्टार्टअप इंडिया प्रोग्राम के तहत टैक्स छूट और पेटेंट फाइलिंग को फास्ट ट्रैक करने जैसे फायदे लेने के लिए स्टार्टअप्स के सामने इनोवेशन ही अभी प्रमुख शर्त है। नई परिभाषा के तहत क्वॉलिफाई करने के लिए किसी इकाई को बताना होगा कि वह रोजगार के कितने मौके बनाने वाली है। साथ ही, उसे कुछ वित्तीय मानकों पर खरा उतरना होगा। इसके अलावा अपने प्रॉडक्ट या सर्विस में इनोवेशन का पहलू तो उसे साबित करना ही होगा।
सरकारी अधिकारी ने बताया, ‘टैक्स बेनेफिट्स देने के लिए आवेदनों की जांच के वक्त हम इन पहलुओं पर गौर करेंगे।’ पीएम नरेंद्र मोदी ने जनवरी 2016 में जब स्टार्टअप इंडिया प्रोग्राम लॉन्च किया था, तो उसका असल फोकस देश में युवाओं के लिए रोजगार के मौके बनाने पर था, लेकिन इसे अनिवार्य शर्त के रूप में शामिल नहीं किया गया था। इस प्रोग्राम को अब तक बड़ी सफलता नहीं मिली है और एक अंतर-मंत्रालय बोर्ड ने केवल 10 स्टार्टअप्स को टैक्स बेनेफिट पाने लायक पाया है।

डीआईपीपी ने 798 ऐप्लिकेशंस को स्टार्टअप्स के रूप में स्वीकार किया था, लेकिन उन्हें उसने टैक्स बेनेफिट नहीं दिया। 31 मार्च 2016 के बाद गठित कंपनियां स्टार्टअप इंडिया प्रोग्राम के तहत अपने वजूद के पहले सात वर्षों में से तीन साल तक टैक्स छूट हासिल कर सकती हैं।

Related posts

कम पूंजी लागत के 5 बड़ी कमाई के काम, केंद्र सरकार करेगी मदद

2000 रुपये तक का कैशलेस लेनदेन होगा Free, दो साल तक सरकार चुकाएगी MDR चार्ज

Jeewan Aadhar Editor Desk

त्यौहार सीजन से पहले सोनेे की चमक बढ़ी, जानिए मुख्य कारण