अंबाला
लोकायुक्त कोर्ट ने हरियाणा के 4 आईएएस अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज करने के सिफारिश की है। अंबाला मनरेगा घोटाला पिछले काफी समय से सियासत में छाया रहा है। करीब 25 करोड़ रुपए की हेराफेरी के इस मामले में लोकायुक्त द्वारा सुनवाई की जा रही थी। सुनवाई के बाद लोकायुक्त ने प्रदेश सरकार को 4 आईएएस अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की सिफारिश भेजी है। लोकायुक्त ने समीरपाल सरों, रेणु फुलिया, मोहम्मद शाइन व सुमेधा कटारिया के खिलाफ मुख्यसचिव को अपने आदेश की कापी भेज दी है।
गौरतलब है कि आरटीआई एक्टिविस्ट पी.पी. कपूर ने वर्ष 2007-2010 के बीच अंबाला में करोडो रूपये का मनरेगा परियोजना के तहत घोटाला पर्दाफाश किया था। पी.पी. कपूर का कहना है कि तत्कालीन एडीसी अंबाला संजीव वर्मा व वजीर सिंह गोयत द्वारा इस मामले में की जांच में घोटाला व गबन की रिपोर्ट मिलने के बावजूद भी अंबाला के तत्कालीन डीसी समीरपाल सरो, मोहम्मद शाईन, आरपी भारद्वाज व तत्कालीन एचसीएस अधिकारी रेणु फूलिया, सुमेधा कटारिया ने वन विभाग के अधिकारियो को 25.12 करोड के चैक काट कर दे दिए। विजिलेंस जांच में पाया गया कि तत्कालीन डीसी अंबाला ने बिना किसी प्रशासनिक अनुमति व बिना किसी तकनीकी अनुमति व मनरेगा नियमो को ताक पर रख कर वन विभाग के अधिकारियो को चैक काट कर पेमेंटे करवा दी। इस घोटाले की विजिलेंस जांच तत्कालीन डीजीपी विजिलेंस शरद कुमार ने हरियाणा सरकार को 16 नवंबर 2012 को सौंप दी थी। कपूर ने बताया कि इस घोटाले के खिलाफ उन्होने 12 जनवरी 2015 को सीएम विंडो पर शिकायत की तो हरियाणा सरकार ने नींद से जागते हुए वन विभाग के मुख्य आरोपी अधिकारी जगमोहन शर्मा, डीएफओ टी अंबाला मंडल, राजेश राणा, प्रशांत शर्मा, विनोद कुमार, लक्ष्मणदास, दीपक ऐलावादी, चंद्रमोहन व सुरेंद्र नागर के खिलाफ 27 जनवरी 2015 को एफआईआर दर्ज करने आदेश दिए। ये सभी हाईकोर्ट से जमानत पर चल रहे है। साथ ही विजिलेंस जांच में दोषी पाए गए तीन आईएएस व एक एचसीएस अधिकारी से सराकर ने स्पष्टीकरण मांगा था, इन आईएएस अधिकारियो में समीरपाल सरो, चंडीगढ के पूर्व डीसी मोहम्मद शाईन, आईएएस रेणु फूलिया, आईएएस सुमेधा कटारिया, अंबाला के पूर्व डीसी आरपी भारद्वाज शामिल थे।
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