हिसार

उकलाना हादसा : दिल दहलाने वाले हादसे में मजदूरों की हालत गंभीर

हिसार,
उकलाना क्षेत्र में स्थित आशीष ऑयल मिल में रविवार तड़के 2 बजकर 50 मिनट पर तेल की टंकी फटने से मौके पर काम कर रहे 16 लोगों में से 15 लोग बुरी तरह से झुलस गए। झुलसने से बचा एक व्यक्ति गांव दनौदा निवासी प्रदीप किसी काम से बाहर निकला था और जैसे ही धमाका हुआ, वह भी स्तब्ध रह गया। हादसे में झुलसे 15 लोगों में से 7 मजदूरों का शरीर 90 प्रतिशत से भी अधिक झुलस गया है, जबकि 5 मजदूरों का 70 से 90 और 3 मजदूरों का 60 से 70 प्रतिशत तक शरीर झुलसा है। वहीं मजदूरों की गंभीर हालत को देखते हुए उन्हें रेफर किया गया है। रेफर किए गए 4 मजदूरों को रोहतक मेडिकल कॉलेज, 2 मजदूरों को अग्रोहा मेडिकल कॉलेज तथा 1 मजदूर को हिसार के निजी बर्न स्पेशलिस्ट अस्पताल में भेजा गया है।
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ग्रामीणों ने बताया कि टंकी फटने का धमाका इतना जबरदस्त था कि आवाज आसपास के क्षेत्र में पूरी तरह गूंज गई। ग्रामीण मौके पर पहुंचने लगे। जब तक ग्रामीणों ने मौके पर पहुंचेे, तब तक टंकी फटने से झुलसे लोग एक-दूसरे की मदद करके बाहर निकल आए थे और करहा रहे थे। लोगों की मदद से झुलसे मजदूरों को एम्बुलैंस के जरिए हिसार के दो निजी अस्पतालों में ले जाया गया।
वहीं इस हादसे का पता चलते ही पुलिस प्रशासन मौके पर पहुंचा और सारी स्थिति का जायजा लिया। सुबह करीबन छह बजे पुलिस अधीक्षक मनीषा चौधरी पहुंची। सारे हादसे की जानकारी सरकार के उच्च पदस्थ अधिकारियों को दी, जिसके पश्चात दोपहर करीबन 12 बजे सहकारिता मंत्री मनीष ग्रोवर झुलसे मजदूरों का हाल जानने के लिए अस्पताल पहुंचे और इस हादसे की प्रशासनिक अधिकारियों से जांच करवाने की बात कही और मिल संचालक के खिलाफ लेबर एक्ट के तहत कार्रवाई करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि हादसे में झुलसे लोगों के उपचार का खर्चा सरकार वहन करेगी। इस दौरान मंत्री एवं प्रशासन को यह भी जानकारी मिली है कि मिल में काम करने वाले मजदूरों में दो युवकों की उम्र 18 वर्ष से कम है तथा 5 से अधिक युवकों की उम्र 21 वर्ष सेे कम है। सीआईडी के कर्मियों ने इसकी जानकारी सरकार तक भी पहुंचाई है।
तीन घंटे में 7 फायर ब्रिगेड की मदद से स्थिति नियंत्रण में
अलसुबह 3 बजे हुए इस हादसे में आग पूरी तरह से फैल चुकी थी। मिल में उपस्थित एक कर्मचारी की समझदारी से एक भयानक हादसा होने से टल गया। दरअसल, जो तेल की टंकी फटी है, उसमें आने वाले ईंधन की सप्लाई को रोकने के लिए वह कर्मी टंकी के पास पहुंचा और उस स्विच को बंद किया। इसी बीच सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड की गाडिय़ां मौके पर पहुंची। करीबन तीन घंटे की मेहनत के दौरान 7 फायर ब्रिगेड की गाडिय़ों से आग पर काबू पाया गया।
मिल के साथ पैट्रोल पम्प होने का खतरा मंडराया
उकलाना क्षेत्र की जिस ऑयल मिल में यह हादसा हुआ है, उस मिल के साथ ही एक पैट्रोल पम्प भी है। जब लोगों ने आग को ऑयल मिल की तेल वाली टंकी से आगे फैलता हुआ देखा तो लोगों को यह सबसे बड़ा खतरा यह मंडराने लगा कि यह आग पैट्रोल पम्प तक पहुंची तो हादसे का रूप बहुत भयानक भी हो सकता है। इसके चलते पैट्रोल पम्प के कर्मियों ने इसकी सूचना पम्प स्वामी को दी और साथ ही मिल से आग को आगेे फैलने से रोकने के प्रयास तेज कर दिए गए और वे अपनी कोशिशों में कामयाब रहे।
मैंटेनैन्स के बाद कल ही शुरु हुआ था ऑयल मिल में काम
हादसे में झुलसे मजदूरों के परिजनों ने बताया कि मिल वर्ष 1994 से संचालित है, मगर एक निर्धारित समय के पश्चात मिल में मशीनों की मैंटेनैंस का काम होता है, जिसके चलते मिल में पिछले करीबन तीन महीने से मैंटेनैंस का काम चल रहा था और हाल ही में रखरखाव का काम खत्म होने के बाद कल से ही मिल में काम दोबारा शुरु हुआ था।
ये हुए हैं घायल
हादसे में घायल लोगों में उत्तर प्रदेश के कन्जात क्षेत्र निवासी 30 वर्षीय रमेश, उत्तर प्रदेश के गांव भारतीपुर निवासी 45 वर्षीय सुरेश, यूपी के ही आनंदीकाती निवासी राहुल, भोजराज, गणेश, रामदिया, सुभाष, सतीश, संतोष, लवकुश, सोनू, चंद्रमोहन, वैद्यनाथ और पंजाब में अमृतसर क्षेत्रवासी 28 वर्षीय पंकज हैं।
बंदर भी जलकर मरे
मिल के पास सो रहे 10 बंदर जलकर मौके पर दम तोड़ गए, जबकि 6 गंभीर रुप से घायल हो गए। घायल बंदरों का उपचार वन्य जीव रक्षा विभाग की तरफ से किया जा रहा है।
डीएसपी ने रिकॉर्डिंग की, कार्रवाई की तैयारी
हादसे के पश्चात ऑयल मिल में प्रशासनिक अधिकारियों की टीम पहुंची। विशेषकर पुलिस अधीक्षक ने इस दौरान मिल में बहुत-सी खामियां देखीं और उस बारे में मौके पर उपस्थित डीएसपी जयपाल सिंह को बताया। डीएसपी जयपाल सिंह ने आज दोपहर को अस्पताल पहुंचे और हादसे में झुलसे एक मजदूर से सारे घटनाक्रम की जानकारी जुटाई। जानकारी के अनुसार पुलिस अब मिल संचालक के खिलाफ सख्त कार्रवाई के मूड में दिख रही है।

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