आदमपुर,
आकाश में सूर्य चंद्रमा तारे है जिन्हें हम देख तो सकते है छू नहीं सकते, नीचे पृथ्वी, जल, अग्नि है जिनसे हमारा सम्पर्क रहता है। बीच में वायु, जीव, आकाश है। यह सूक्ष्म रूप में है जिन्हें हम देख नही सकते महसूस कर सकते है। प्रलय आने पर यह 9 चीजें नष्ट हो सकती है परंतु इनके बीच में छुपा अविनाशी निरंकार प्रभु सर्वत्र विराजमान है। यह नष्ट होने वाला नही है 3 काल सत्य है। कल भी था, आज भी है और कल भी रहेगा।
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इसी परम सत्य की जानकारी सिर्फ ब्रह्मवेता सद्गुरु के पास है। यह प्रवचन दड़ौली रोड स्थित निरंकारी सत्संग भवन में आदमपुर के प्रचारक बलदेव सिंह निरंकारी ने श्रद्धालुओं के समक्ष व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि संकट के समय मां-बाप, भाई-बहन, बीबी-बच्चे, मित्र-रिश्तेदार और धन-दौलत साथ छोड़ देते है। अंधेरा आने पर मनुष्य की परछाई भी साथ छोड़ देती है। परंतु ब्रह्मवेता सद्गुरु जो की गुरुओं का भी परम गुरु पिताओंं का भी परम पिता और माताओंं की भी परम माता अपने भक्त और शिष्यों का साथ कभी नही छोड़ता।
धर्म पर चलने वालों का ईश्वर भी साथ देता है, मरने के बाद भी धर्म मनुष्य का साथ देता है। त्रेता युग में भगवान श्रीराम और द्वापर युग में पांडवों ने धर्म को साथ रखा था और विजयी हुए थे। मंच संचालन करते हुए सेवादल संचालक विनोद जाखड़ ने कहा कि दुख आने पर मनुष्य को चिंता नही चिंतन करना चाहिए। धर्मसभा में रामेश्वरलाल, भूषण रेवड़ी, जितेंद्र ऐलावादी, पवन कुमार, कृष्ण वर्मा, प्रिंस, बलवंत रेवड़ी, महिला सेवा दल संचालिका पायल, मीनू मेहता, नेहा, चारु, पूजा, कोमल, सीमा, अंकिता, कनिका, खुश्बू, जासमिन, सुमित आदि ने भी भक्तिपूर्ण गीत और विचार पेश किए।
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